जल संकट से जूझ रहा है पांच हजार की आबादी वाले ग्राम रीवा,पीपला फाउंडेशन कर रहे हैं शोध अध्ययन - fastnewsharpal.com
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जल संकट से जूझ रहा है पांच हजार की आबादी वाले ग्राम रीवा,पीपला फाउंडेशन कर रहे हैं शोध अध्ययन

 जल संकट से जूझ रहा है पांच हजार की आबादी वाले ग्राम रीवा,पीपला फाउंडेशन कर रहे हैं शोध अध्ययन 



आरंग

जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है अंचल में जल संकट भी गहराता जा रहा हैं।अंचल के कई गांवों में जल संकट दस्तक देने लगे हैं। वहीं अंचल के करीब पांच हजार की आबादी वाले ग्राम है रींवा।जिसे गढ़ रीवा के नाम से भी जाना जाता है।जहां कई वर्षों से पीने की पानी की समस्या बनी हुई है।लोग बताते हैं इस गांव में बारह माह में केवल छः माह ही लोगों को पानी मिल पाता है। शेष छः माह पीने के पानी के लिए जूझना पड़ता है।





अब तक इस गांव में सैकड़ों नलकूप का उत्खनन कराया जा चुका है।पर कहीं भी पर्याप्त पानी नहीं है। गिने-चुने नलकूपो में ही मुश्किल से पांच से सात मीनट ही पानी निकलता है।जिससे मुश्किल से आठ दस बाल्टी पानी ही मिल पाता है। गांव के बच्चे, बूढ़े, जवान हो या महिलाएं सबको पानी लाने आसपास के ग्राम जाना पड़ता है। पानी की किल्लत इतना कि

पीने के पानी के लिए लोगों को आसपास के गांव में दो तीन किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। पानी के लिए रोज 

झगड़ा लड़ाई तो आम बात है।इस गांव में पानी की किल्लत को देखते हुए स्वयंसेवी संगठन पीपला वेलफेयर फाउंडेशन ने पहल करते हुए इस गांव में जल संकट पर शोध अध्ययन कर रहे हैं।भूगर्भ के जानकारो से संपर्क कर विस्तृत जानकारी व पानी के विभिन्न विकल्पों व स्रोतों का आंकड़ा एकत्रित कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रीवा के आस-पास के गांवों में पहुंचकर जल स्तर की जानकारी ले रहे हैं। शनिवार को 

फाउंडेशन के संरक्षक पारसनाथ साहू व संयोजक महेन्द्र कुमार पटेल, कोषाध्यक्ष कोमल लाखोटी ग्राम रीवा और कुकरा पहुंचे। और जल संकट पर ग्राम के सरपंच घसिया राम साहू व ग्रामीणों से विस्तार पूर्वक जानकारी लिए।साथ ही जल स्रोतों का अवलोकन कर पानी के विकल्पों तथा गांव में जल उपलब्ध कराने व जल स्तर बढ़ाने के विकल्पो पर विस्तार पूर्वक चर्चा किए।

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