शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोंड़ मे हुआ प्रवेशोत्सव कार्यक्रम
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोंड़ मे हुआ प्रवेशोत्सव कार्यक्रम
अभनपुर
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोंड़, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पोंड़, शासकीय प्राथमिक शाला पोंड का संयुक्त रूप से शाला प्रवेशोत्सव का कार्यक्रम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोंड़ में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती की पूजा एवं वंदना से हुआ। अतिथियों के स्वागत में स्वागत नृत्य की प्रस्तुति बच्चों द्वारा दिया गया। नवप्रवेशी बच्चों का तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया। बच्चों को निःशुल्क पाठयपुस्तक एवं गणवेश का वितरण किया गया। इस अवसर पर सत्र 2024- 25 में आयोजित केंद्रीकृत परीक्षा कक्षा पांचवीं, आठवीं, बोर्ड परीक्षा दसवीं, बारहवीं में संकुल स्तर पर प्रथम, द्वितीय,तृतीय स्थान प्राप्त बच्चों, राष्ट्रीय साधन सह प्रवीण्य छात्रवृत्ति परीक्षा में चयनित बच्चों को मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। विद्यालय स्तर में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अतिथियों ने भी प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कार स्वरूप राशि प्रदान किया। बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। ग्राम पोंड़ के सरपंच एवं उपसरपंच द्वारा न्योता भोज दिया गया।
इस अवसर पर जनपद पंचायत अभनपुर के सभापति श्री ब्रह्मानंद साहू, शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष श्री कन्हैया लाल जांगड़े, सरपंच श्री भूपेश ध्रुव, उपसरपंच श्री रमाकांत साहू, श्री एम एल वर्मा,श्री टी आर वर्मा,श्री रमेश वर्मा, श्री खेमचंद गिलहरे, श्रीमती चंद्रकांता वर्मा,श्रीमती गुलाब गिलहरे, श्रीमती ऐना बाई वर्मा एवं ग्राम के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राचार्य श्री सेवाराम वर्मा, संकुल समन्वयक श्री नागेन्द्र कुमार कंसारी, श्री सुरेश तारक, श्री कृपाराम महेश्वरी, प्रधान पाठक श्री घनश्याम प्रसाद चेलक, श्री बिसाहू राम साहू, श्री रामनारायण साहू, श्री रामनारायण जांगड़े एवं समस्त स्टाफ ने सक्रिय सहभागिता प्रदान की। उपस्थित अतिथियों,प्राचार्य एवं शिक्षकों ने उदबोधन में बच्चों को प्रेरक बातें बताई एवं उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत उल्लास शपथ दिलाया गया। मंच संचालन व्यायाम शिक्षक श्री विजय सिंह रत्नाकर ने किया।