गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व की धूम, ग्रैंड ग्रुप के चेयरमैन गुरुचरण सिंह होरा ने गुरु ग्रंथ साहिब में मत्था टेककर प्रदेशवासियों को दी बधाई - fastnewsharpal.com
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गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व की धूम, ग्रैंड ग्रुप के चेयरमैन गुरुचरण सिंह होरा ने गुरु ग्रंथ साहिब में मत्था टेककर प्रदेशवासियों को दी बधाई

 गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व की धूम, ग्रैंड ग्रुप के चेयरमैन गुरुचरण सिंह होरा ने गुरु ग्रंथ साहिब में मत्था टेककर प्रदेशवासियों को दी बधाई




रायपुर

  श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं रायपुर में इस प्रकाश पर्व का दो दिवसीय मुख्य समागम का शुभारंभ गुरु गोविंद साहब सिंह गुरुद्वारा पंडरी में हुआ, जिसमें जाने-माने रागी जत्थों ने गुरु वाणी कीर्तन समागम के संगत को निहाल किया। इस सालाना प्रकाश पर्व में बड़ी संख्या मे सिक्ख समाज के लोग मत्था टेकने गुरुद्वारा पहुंचे। इस दौरान आज के इस शुभ दिन में टेनिस संघ के महासचिव व ग्रैंड ग्रुप के चेयरमैन गुरुचरण सिंह होरा ने पंडरी गुरुद्वारे में जाकर माथा टेका और सभी देश और प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस बड़े आयोजन में महा लंगर की भी व्यवस्था की गई, जहां सैकड़ों भक्तों ने लंगर का लाभ उठाया। इस मौके पर अल्प संख्यक आयोग अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा, कुलविंदर सिंह प्रमुख सेवा दार, हरमिंदर सिंह खालसा मौजूद रहे।



इस अवसर पर ग्रैंड ग्रुप के चेयरमैन होरा ने कहा कि सिख धर्म अपने आप में एक महान धर्म है, जहां लोगों की सद्भावना सिख धर्म से जुड़ी रहती है, सेवा का कार्य उनके लिए सर्वोपरि है, वहां आए भक्त जनों का यह भी कहना था कि इस देश के लिए हमारे गुरुओं ने जो हमारे लिए बलिदान दिया, उनसे हमें प्रेरणा मिलती है, जीने का स्रोत मिलता है और आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 421 वें सालाना प्रकाश पर्व को हम मनाने में काफी उत्साहित है। दूर-दूर से भक्तगण यहां आ रहे हैं माथा टेक रहे हैं और अपनी सुख समृद्धि की कामना भी कर रहे हैं, वहां आए सभी भक्त जनों ने सभी रायपुर वासियों को इस प्रकाश पर्व की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं दी।



श्री होरा ने आगे कहा कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन सिख समुदाय के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया। गुरु ग्रन्थ साहिबजी का पहला प्रकाश 30 अगस्त 1604 को हरमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ। 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंहजी ने गुरु तेगबहादुरजी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया। इनमें कुल 1430 पृष्ठ है। कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 36 महापुरुषों की वाणी संकलित है। सिख समाज गुरु ग्रंथ साहब का पहला प्रकाश धूमधाम से मना रहा है।

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