गरियाबंद में नक्सल मोर्चे पर सबसे बड़ी सफलता — चार महिला समेत 3 पुरुष नक्सलियों का आत्मसमर्पण
गरियाबंद में नक्सल मोर्चे पर सबसे बड़ी सफलता — चार महिला समेत 3 पुरुष नक्सलियों का आत्मसमर्पण
8-8 लाख के इनामी कमांडर सुनील और सचिव एरिना समेत पूरी उदंती एरिया कमेटी ने हथियार डाले
— गरियाबंद पुलिस और सीआरपीएफ के सतत अभियान का बड़ा असर, 37 लाख के इनामी नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
गरियाबंद
जिले से शुक्रवार को नक्सल मोर्चे पर अब तक की सबसे बड़ी सफलता दर्ज की गई है। शासन की पुनर्वास नीति और पुलिस के लगातार प्रयासों से प्रतिबंधित उदंती एरिया कमेटी के सभी सात सक्रिय नक्सलियों ने गरियाबंद पुलिस लाइन में आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें चार महिला नक्सली शामिल हैं।
आत्मसमर्पण करने वालों में डिविजनल कमेटी सदस्य सुनील उर्फ जगतार सिंह और उदंती एरिया कमेटी सचिव अरीना टेकोम उर्फ मुरगु प्रमुख हैं — दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनके साथ डिप्टी कमांडर विद्या उर्फ जम्बो, कमेटी सदस्य लुद्रो उर्फ अनिल, नंदनी, कांति उर्फ मंगलबती और मललेश ने भी सरेंडर किया। विद्या, लुद्रो, नंदनी और कांति पर 5-5 लाख रुपये और मललेश पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इन नक्सलियों ने 1 एसएलआर, 3 इंसास और एक सिंगल शॉट हथियार सहित कुल 6 हथियार पुलिस के हवाले किए।
इस तरह कुल 37 लाख रुपये इनामी नक्सलियों ने गरियाबंद में आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।
गरियाबंद पुलिस और सीआरपीएफ के साझा अभियान का असर
लगातार आईजी रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा के मार्गदर्शन, एसपी निखिल राखेचा के नेतृत्व और ई-30, कोबरा व 211वीं बटालियन सीआरपीएफ की संयुक्त रणनीति के चलते यह बड़ी सफलता मिली। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष कम्युनिटी पुलिसिंग और पुनर्वास अभियान के तहत नक्सलियों को हिंसा छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया गया।
आत्मसमर्पण की प्रक्रिया पुलिस लाइन गरियाबंद में आयोजित हुई, जिसमें आईजी अमरेश मिश्रा, एसपी निखिल राखेचा, सीआरपीएफ 211वीं बटालियन के कमांडेंट विजय प्रताप और द्वितीय अधिकारी रंजन बाहली मौजूद रहे।
नक्सलियों का अतीत – कई बड़े हमलों में रही संलिप्तता
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली पिछले दो दशकों से नक्सली संगठनों से जुड़े हुए थे।
• कमांडर सुनील उर्फ जगतार सिंह हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं और 2004 से माओवादी संगठन से जुड़े। उन्होंने झारखंड, हिमाचल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सक्रिय रहकर कई हमलों का नेतृत्व किया।
• अरीना टेकोम उर्फ मुरगु 2005 से संगठन में सक्रिय थी और इंसानगंज व सीतलमाझी एरिया कमेटी में सचिव रह चुकी हैं।
• विद्या उर्फ जम्बो, लुद्रो, नंदनी, कांति और मललेश भी 2009 से 2024 तक विभिन्न कमेटियों में हथियारबंद गतिविधियों में शामिल रहे।
उदंती एरिया कमेटी के सदस्य कई बड़ी घटनाओं में संलिप्त रहे —
• मई 2018 में ग्राम आमामोरा में पुलिस पर हमला, जिसमें दो जवान शहीद हुए।
• जनवरी 2022 में देवझर की पहाड़ी पर मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी की शहादत।
• मई 2023 में ग्राम करसलार व जनवरी 2025 में कांगरसर मुठभेड़ की घटनाओं में इनकी मौजूदगी रही।
एसपी निखिल राखेचा बोले — “गरियाबंद में नक्सलवाद की जड़ें हिल गई हैं”
एसपी निखिल राखेचा ने कहा —
“यह गरियाबंद पुलिस की लगातार कोशिशों और जनता के भरोसे का परिणाम है। जो लोग कभी जंगल में बंदूक लेकर हिंसा फैलाते थे, आज वही लोग समाज की मुख्यधारा में लौटने को तैयार हैं। यह जिला अब शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है।”
आत्मसमर्पण करने वालों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ
शासन की नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को इनाम राशि, आवास, स्वास्थ्य, रोजगार और शिक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। पुनर्वास के बाद इन्हें समाज में पुनः स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
पुलिस ने किया अपील — “मुख्यधारा में लौटें, समाज के विकास से जुड़ें”
गरियाबंद पुलिस ने अपील की है कि जो भी नक्सली अब भी जंगलों में सक्रिय हैं, वे आत्मसमर्पण कर शासन की योजना का लाभ उठाएं।
आत्मसमर्पण के लिए संपर्क नंबर —
📞 नक्सल सेल गरियाबंद: 94792-27805
गरियाबंद का जंगल अब विकास की दिशा में — उदंती एरिया कमेटी का सफाया, शांति और विश्वास का नया अध्याय।



