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*तेल बोर्ड गठन करने की मांग--आरंग*

तेल बोर्ड गठन करने की मांग--प्यारे लाल साहू

आरंग
 साहू समाज युवा प्रकोष्ठ रायपुर संभाग के अध्यक्ष प्यारे लाल साहू ने छ.ग. के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर साहू समाज के परंपरागत व्यवसाय को पुनर्जीवित कर समाज के विकास एवं कल्याण हेतु तेल बोर्ड गठन करने की मांग की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ मे पिछड़ा वर्ग से आने वाले अधिकांश समाज का अपना एक परंपरागत व्यवसाय रहा है जिसके अंतर्गत आने वाले अधिकांश वर्ग के लोग आज भी अपने परंपरागत व्यवसाय से जुड़कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। पिछड़ा वर्ग के अधिकांश समाज के विकास एवं उत्थान के लिए सरकार ने बोर्ड-आयोग का गठन की है जिसके माध्यम से उस वर्ग विशेष का उत्तरोत्तर प्रगति हो रहा है। उन्होंने बताया कि मछली का व्यवसाय करने वाले निषाद (केंवट) समाज के लिए मछुआ कल्याण बोर्ड, माटी (मिट्टी) का काम कर अपनी जीविका चलाने वाले कुम्हार समाज के लिए माटी कला बोर्ड, बाल (केश) का काम करने वालों नाई जाति के लिए केश सिल्क बोर्ड, कोष्ठा (बुनकर) समाज के लिए हस्तकरघा बोर्ड के साथ अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले मुस्लिम समाज के लिए भी वक्फ एवं हज कमेटी बोर्ड की गठन की गई है उसी प्रकार से 22 प्रतिशत से भी अधिक आबादी वाला छ.ग. का बहुसंख्यक एवं वृहद साहू समाज के लिए भी तेल बोर्ड का गठन किया जाए। उन्होने आगे बताया की पूर्व मे तेल पेराई (उत्पादन) का काम साहू समाज का परंपरागत व्यवसाय रहा रहा है। समाज के लोग पूर्व में मैनुअल पद्धति से तेल का उत्पादन (पेराई) कर उसको बेचकर अपने परिवार का लालन-पालन करते रहे हैं वर्तमान मशीनी युग में महंगी मशीन यंत्रों एवं आर्थिक तंगी के साथ-साथ शासन-प्रशासन के उपेक्षित रवैए के चलते समाज के लोग अपने परंपरागत व्यवसाय से कोसों दूर हो गए हैं। पिछड़े वर्ग में आने वाले अधिकांश समाज के विकास के लिए सरकार द्वारा बोर्ड का गठन की गयी है। उसी प्रकार से पिछड़ा वर्ग का एक सबसे बड़ी आबादी वाला समाज (साहू समाज) के प्रगति एवं कल्याण के लिए परम्परागत व्यवसाय को पुनर्जीवित करते हुए तेल बोर्ड का गठन किया जाए।
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