हल षष्ठी( कमर छठ) के अवसर पर भैंस के दूध दही घी का उपयोग मात्र यम पूजा के लिए प्रासंगिक बाकी गौ माता का दूध दही घी ही सभी पूजा पाठ में सर्वोत्तम है ; - राम बालक दास - fastnewsharpal.com
फास्ट न्यूज हर पल समाचार पत्र,

हल षष्ठी( कमर छठ) के अवसर पर भैंस के दूध दही घी का उपयोग मात्र यम पूजा के लिए प्रासंगिक बाकी गौ माता का दूध दही घी ही सभी पूजा पाठ में सर्वोत्तम है ; - राम बालक दास

 हल षष्ठी( कमर छठ) के अवसर पर भैंस के दूध दही घी का उपयोग मात्र यम पूजा के लिए प्रासंगिक बाकी गौ माता का दूध दही घी ही सभी पूजा पाठ में सर्वोत्तम है ; - राम बालक दास




 शिखा मनुष्य पर आदर्श और सिद्धान्त का अंकुश है

शिखा का महत्व भारतीय संस्कृति में अंकुश के समान है। यह हमारे ऊपर आदर्श और सिद्धांतों का अंकुश है। इससे मस्तिष्क में पवित्र भाव उत्पन्न होते हैं। बिना शिखा के किया गया यज्ञ, दान, तप, व्रत आदि शुभ कर्म निष्फल हो जाते हैं इसलिये सनातन धर्म के चारों वर्णों में शिखा रखने का प्रावधान है।

       पाटेश्वरधाम के आनलाईन सतसंग में पुरूषोत्तम अग्रवाल की जिज्ञासा पर बोलते हुये बाबा रामबालकदास जी ने बताया कि रक्षाबंधन में कलावे की गाॅठ बांधना, यज्ञोपवीत में गाॅठ बांधना, विवाह के गठजोड़े में गाॅठ बांधना यह दर्शाता है कि हमारे प्रत्येक पुनीत कार्यों में इसका महत्व है। एकाकी संकल्प में शिखा हमारा साथी होता है इसका दीर्घसूत्री प्रमाण है। स्नान, दान, जप, तप, होम, संध्या और देवपूजन के समयचोटी में गाॅठ अवश्य लगानी चाहिये। शिखा न हो तो हम पूजा के भी अधिकारी नहीं हैं। पूजा - पाठ के समय शिखा में गाॅठ लगाकर रखने से मस्तिष्क में संकलित ऊर्जा तरंगें बाहर नहीं निकल पाती। इनके अंतर्मुखी हो जाने से मानसिक शक्तियों का पोषण, सद्बुद्धि, सद्विचार आदि की प्राप्ति, वासना की कमी, आत्मशक्ति में बढ़ोतरी, शारीरिक शक्ति का संचार आदि लाभ मिलते हैं।

इस तरह आज का ज्ञानपूर्ण सत्संग सम्पन्न हुआ

जय सियाराम जय गोमाता जय गोपाल

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads