* सरपंच ग्राम पंचायत बुन्देली का एसडीएम को शिकायत कर सरपंच पर पद का दुरुपयोग करने पर धारा 40 लगाने की किये मांग* - fastnewsharpal.com
फास्ट न्यूज हर पल समाचार पत्र,

* सरपंच ग्राम पंचायत बुन्देली का एसडीएम को शिकायत कर सरपंच पर पद का दुरुपयोग करने पर धारा 40 लगाने की किये मांग*

  *सड़क की जमीन में पानी टँकी बनाने का अवैध प्रस्ताव करने वाली  सरपंच के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा*



 * सरपंच ग्राम पंचायत बुन्देली का एसडीएम को शिकायत कर सरपंच पर पद का दुरुपयोग करने पर धारा 40 लगाने की किये मांग*

बुन्देली/ पिथौरा

मिली जानकारी अनुसार महासमुंद जिले के विकास खण्ड पिथौरा अंतर्गत ग्राम पंचायत बुंदेली के सरपंच सुनीता दीवान के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है ।तथा एसडीएम से  शिकायत किया है कि सरपंच ने पद में रहते हुए सड़क मद की भूमि पर पानी टँकी निर्माण हेतु विधि विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया है।  इस लिए सरपंच का पद में बने रहना लोक हित मे  उचित नही है । सरपंच को धारा 40 पंचायत राज अधिनियम के तहत हटाने की मांग की गई है ।


 बतादें की ग्राम बुंदेली के ग्रामीण चन्द्रशेखर, सुकलाल एवं नोहर प्रभाकर ने सरपंच के खिलाफ मोर्चा खोला है इनकी शिकायत है कि ग्राम बुंदेली के शासकीय सड़क मद की भूमि ख. न. 2180  रकबा 0.46 हे.कुछ भाग पर  ग्रामीणों का वर्षो पूर्व से मकान बना हुआ है जिसे सरपंच तोड़ना चाहती है । सरपंच ने उक्त सड़क मद की भूमि का कलेक्टर से मद परिवर्तन कराए बिना ही तथा राजस्व अभिलेख में पानी टँकी हेतु सुरक्षित कराए बीना ही पद का दुरुपयोग करते हुए प्रस्ताव पानी टँकी बनाने का प्रस्ताव पारित किया है । 


👉 *क्या है नियम*- जबकि नियम यह है कि शासकीय प्रयोजन में उपयोग आने वाली किसी भी शासकीय भूमि को धारा 237 छ ग भू रा संहिता के तहत कलेक्टर द्वारा मद परिवर्तन कर राजस्व अभिलेखो में सुरक्षित किया जाता है इस नियम का पालन सरपंच ने नही किया है।


ग्रामीणों की उपरोक्त शिकायत को एसडीएम पिथौरा श्रीमति ऋतु हेमनानी ने गंभीरता से लिया और सरपंच के विरुद्ध तत्काल धारा 40 पंचायत राज अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए सरपंच सुनीता को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है । 


👉 *क्या होता है धारा 40*- छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम मैं बने प्रावधानों के अनुसार अगर कोई सरपंच का पद में बने रहना लोकहित में अवांछनीय है तो विहित अधिकारी उसे समुचित रूप से सुनवाई का अवसर देने के बाद पद से हटा सकता है । पद से हटाए जाने के बाद उक्त व्यक्ति को 6 वर्ष तक निर्वाचन में भाग लेने के लिए आयोग्य होता है ।

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads