*महाशिवरात्रि पर जिले एवं प्रदेशवासियों को बधाई दी रुपसिंग साहू*
*महाशिवरात्रि पर जिले एवं प्रदेशवासियों को बधाई दी रुपसिंग साहू*
गरियाबंद
सामाजिक कार्यकर्ता एवं कार्यकारी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ युवा प्रकोष्ठ रायपुर संभाग के रूपसिंग साहू ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर जिले एवं प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए कहा कि परिवार प्रकृति से जोड़ते हैं शिव महाशिवरात्रि के त्यौहार को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं लोग जीवन में यह दिन सबसे ज्यादा भगवान शिव और माता पार्वती के वैवाहिक बंधन में बंधने के अवसर के रूप में मनाया जाता है श्री साहू ने कहा कि उपवास अनुष्ठान करने का यह विशेष दिन शिव पार्वती की विवाह वर्षगांठ के तौर पर मनाते हुए स्मरण करवाते हैं कि उनके पूजनीय परिवार से बहुत कुछ सीखा जा सकता है मौजूदा दौर के बिखरते सामाजिक पारिवारिक ताने-बाने में संबंधों को सहेजने का सबक लिया जा सकता है हिंसा और कटुता के वैश्विक परिवेश में सह अस्तित्व का पाठ पढ़ा जा सकता है दमघोंटू होती हवा और मानवीय गतिविधियों के चलते धरती से विलुप्त होती जीवो वनस्पतियों की फिकर के दौर में प्रकृति से जुड़ने की सीख ली जा सकती है मौजूदा दौर में बिखरते घर परिवार का ताना-बाना बताता है कि प्रेम और समर्पण ही संबंधों का मजबूत आधार बनता है जिसमें अपने परिवार जनों के प्रति स्वीकार्यता का भाव सबसे ऊपर होता है शिव पार्वती का आदर्श दांपत्य अनगिनत उतार-चढ़ाव अलग-अलग रुचि रुझान और रहन-सहन की पृष्ठभूमि का रहा लेकिन स्वीकार्यता और अपनेपन के गहरे भावों ने उनके दांपत्य को पूजनीय बनाया देखा जाए तो ऐसे ही बुनियादी समझ और सोच की दर करार आम लोगों के लिए भी जरूरी है आज अधिकतर युवा अपने जीवन साथी यह जीवन संगिनी की पसंद नापसंद रंग रूप और रहन-सहन वाले रंग ढंग को अपनाने की बजाय कमियां तलाशने में जुटे रहते हैं मामूली बातों पर वैवाहिक रिश्ते टूट रहे हैं बच्चे अकेले पड़ जा रहे हैं हर कोई भावनात्मक टूटन और अपराध बोध से ग्रसित है ऐसे में यह विचारणीय है कि महाशिवरात्रि का पर्व सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं है इस पर्व पर प्रकृति और दायित्व बोध के भाव से जोड़ता शिव परिवार जीवन में सहजता अपनापन रिश्तो के आत्मीय प्रेम और सहज स्वीकार्यता का संदेश भी देता है।