छत्तीसगढी राजभाषा मे पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्रो ने रोजगार और छत्तीसगढी बोली मे स्कूलो मे पढाई कराये जाने की मांग को लेकर सौपा ज्ञापन
छत्तीसगढी राजभाषा मे पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्रो ने रोजगार और छत्तीसगढी बोली मे स्कूलो मे पढाई कराये जाने की मांग को लेकर सौपा ज्ञापन
भरत कुम्भकार/खरोरा ,,
छत्तीसगढी राजभाषा मे पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके छात्रो ने रोजगार और छत्तीसगढी बोली मे स्कूलो मे पढाई कराये जाने की मांग को लेकर खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरिश देवांगन से मिल मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ।
वही छत्तीसगढी राजभाषा की महत्व को समझ उस समय के पूर्व की सरकार ने 2013 शिक्षा के साथ जोड़कर उच्च शिक्षण संस्थानो मे छत्तीसगढी बोली पढाई करायी गयी ,लेकिन आज 8 साल बीत जाने के बाद छत्तीसगढी राजभाषा मे एमए तक की पढाई कर चुके छात्र छात्राओ को इस विषय की पढ़ाई के बाद रोजगार के अवसर नही मिल पाने से ठगे महसूस कर रहे है वही इन छात्रो को निराश तब लगी जब भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ तीज-त्यौहार व्यजन सहित छत्तीसगढी बोली सहित परिधानो को महत्त्व देने के वाबजूद वर्तमान के सरकार ने इन्हे रोजगार उपलब्ध नही कराने के चलते छत्तीसगढी मे पढाई कर चुके इन छात्राओ के हाथो मे हताशा और निराशा हाथ लगी ।इसी लेकर इन छात्रो ने गिरिश देवांगन के निवास मे मिल अपनी व्यथा सुनाते अपनी बात रखी और जल्द ही छत्तीसगढी भाषा की पढाई निजी व शासकीय शालाओ कराये जाने की मांग रखी ।
विज्ञप्ति सौपने आये कमलेश कुम्भकार ने बताया कि हमने छत्तीसगढी राजभाषा मे एमए पढाई इस लिये की तत्कालीन छत्तीसगढ के भाजपा सरकार छत्तीसगढ बोली को महत्व देते इस विषय पर पढाई करने छात्राओ को प्रेरित किया था लेकिन पढाई पूरा करने छत्तीसगढ राजभाषा वाले छात्र बरोजगारी मार झेल पूर्व मुख्यमंत्री ,मंत्री के चक्कर काट हतास निराश और परेशान हो गये लेकिन छत्तीसगढ मे कांग्रेस की सरकार बनते ही अब उम्मीद जगी है शायद छत्तीसगढ राजभाषा मे पढाई किये छात्राओ की सुध लेक रोजगार के अवसर देगे।