नवापारा नगर के ब्रह्माकुमारीज सेवा स्थान का मनाया भाईयो ने 31वा वर्षगांठ - fastnewsharpal.com
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नवापारा नगर के ब्रह्माकुमारीज सेवा स्थान का मनाया भाईयो ने 31वा वर्षगांठ

नवापारा नगर के ब्रह्माकुमारीज सेवा स्थान का मनाया भाईयो ने 31वा वर्षगांठ



नवापारा(राजिम)

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय की नवापारा नगर में पहली बार सेवाकेंद्र 14 जुलाई 1991 को नगर के इन्दिरा मार्केट में ईश्वरीय सेवार्थ  शुरुवात हुई जहा ब्रह्माकुमारीज बहनो द्वारा परमात्मा शिव  द्वारा दिये जाने वाले आध्यात्मिक ज्ञान की बीज को सींचा ततपश्चात लगातार 31 वर्षो में वृहद की अनवरत सेवा विस्तार हुआ।

उक्त सेवा स्थान से निकले भाई-बहने ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय माउंट आबू, राजस्थान, दिल्ली, इंदौर के साथ साथ देश के कोने कोने में अपनी ईश्वरीय सेवाएं दे रहे है।

नवापारा नगर में 31 वर्षो में वरिष्ठ बहने अपनी निःस्वार्थ भाव से  ईश्वरीय सेवा प्रदान कर सींचा जो आज क्षेत्र में  ईश्वरीय सेवा वृहद रूप से फैला है।

ब्रह्माकुमारीज नवापारा नगर में  31 वर्षो की सेवा पर नगर के भाइयो द्वारा राजिम के आध्यात्मिक संग्रहालय में बड़े ही धूमधाम से वर्षगांठ मनाया ।जिसमे क्षेत्र के वरिष्ठ भाईयो की उपस्थिति में केक काटकर 31वा वर्षगांठ मनाया । वरिष्ठ भ्राता बीके नन्दलाल भाई ने कहा कि मैं भी बहुत ही भाग्यशाली आत्मा हु जो की उस पहले दिन ही मेरा भी संस्था से ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त हुआ और मेरा भी जीवन परिवर्तन का भी दिन हैं जो 14 जुलाई में मेरा भी अलौकिक जन्म हुआ जो मैं भी ईश्वरीय कार्य   बतौर 31 वर्षो से जुड़ा हुआ हु। साथ ही अपनी खुशी का  बयान अपने  शब्दो मे कहा की खुशी आता नही पर खुशी व उमंग उत्साह का प्रोग्राम बनाना यह खुद के ऊपर निर्भर रहता हैं।

साथ आज संसार मे चारो ओर दुख  अशांति,भय का माहौल बना  हुआ है और लोग जीवन मे खुशी व उत्साह बढ़ाने के लिये भौतिक संसाधनों का उपयोग करते है पर स्थाई खुशी व सुख-शांति तो स्वयम को जानने में कि मैं कौन, और मेरा क्या...? असूल   यह दो शब्दों के अर्थ में लोग मैं औऱ मेरा में ही अटके हुए है पर  मैं यह शरीर नही ...यह मेरा शरीर है ....पर आखिर मैं बोलने वाली यह सत्ता क्या है यह जान जाए तो  अपार खुशी होगी.औऱ जीवन मे सुख शांति आ जायेगा....।  मैं आत्मा और यह मेरा शरीर अगर यह जान जाए क्योंकि आत्मा अजर,अमर अविनाशी सत्ता है औऱ शरीर पांच तत्वों से बना विनाशी है।जो यह अपने असूल रूप को मन से जान ले । क्योकि आत्मा का मूल गुण सुख,शांति,आनन्द ,प्रेम और पवित्रता है। स्वयम को आत्मा जानने और मानने से सारी सभी अद्भुत शक्ति आ जाता हैं और अपने असूल स्वरूप को जानने और अनुभूति के लिये समीप ब्रह्माकुमारीज के सेवा स्थान में जाकर सात दिवस का निःशुल्क  जानकारी प्राप्त कर अपने  जीवन मे गुणों और कर्तब्यों के प्रति कार्य कर सकेंगे।

कार्यक्रम में उपस्थित  बीके नन्दलाल भाई, बीके विवेक भाई, बीके सेवा भाई, बीके शंकर भाई, बीके दीपक भाई,बीके प्रकाश भाई, बीके बृजेश भाई,बीके ईश्वर भाई व  संस्था से जुड़े  उपस्थित भाइयो ने  प्रतिज्ञा कर क्षेत्र में ब्रह्माकुमारीज द्वारा दिये जाने वाले शिव परमात्मा का निःशुल्क ज्ञान व योग को जनजन तक पहुचाने के लिये श्रावण मास में  विशेष अभियान के तहत शिव परमात्मा  संदेश पहुचाने की प्रतिज्ञा किये।

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