दीपोत्सव- हमारा प्रमुख गौरवशाली -वैभवशाली -दीपावली त्यौहार- पर्यावरण सुरक्षा सर्वोपरि और सामाजिक समरसता परम कर्तव्य
दीपोत्सव- हमारा प्रमुख गौरवशाली -वैभवशाली -दीपावली त्यौहार- पर्यावरण सुरक्षा सर्वोपरि और सामाजिक समरसता परम कर्तव्य
महेंन्द्र सिंह ठाकुर
नवापारा राजिम /रायपुर....
हमारे देश की सांस्कृतिक परंपरा- तीज त्यौहार बेहद गौरवशाली और मनभावन होते हैं हर त्यौहार का अपना एक इतिहास है
हमारे त्योहारों में सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली है जो रामचंद्र जी लक्ष्मण सीता जी और हनुमान जी के साथ वानर सेना द्वारा लंका विजय के पश्चात अयोध्या लौटने पर दीप जलाकर उनका स्वागत और खुशहाली का प्रदर्शन नगर वासियों द्वारा किया गया था और यही परंपरा पूरे देश में शुरू हो गई समय के साथ इनमें परिवर्तन आते गया और आज ताबड़तोड़ पटाखों के प्रयोग और सामाजिक बुराई में बहुत ज्यादा नशे के प्रयोग से सामाजिक समरसता और पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा है इसमें रोक लगना अति आवश्यक है और यह संभव होगा हमारी आपकी जागरूकता से यह बातें कही हमारे विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के फाउंडर कद्दावर नेता एवं प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा जी ने।
हर घर में उजाला हो और सभी खुशहाल हो यही मेरी कामना... गरियाबंद जिले के सुदूर देवभोग और अंचल के शिक्षा के क्षेत्र में माइलस्टोन का प्रतीक एम मनु पब्लिक स्कूल की डायरेक्टर श्रीमती मांडवी मिश्रा ने कहा हमारे प्राचीन परंपरा के अनुसार वसुधैव कुटुंबकम की भावना आज भी हमारे बीच है और मेरी कोशिश यही रहती है हर घर खुशहाल हो और वहां हमेशा खुशी का उजाला हो हां आज ध्वनि और वायु प्रदूषण बेहद गंभीर समस्या है इसलिए दीपावली में मैं सभी से पैरोडी के रूप में अपील करती हूं.. पटाखे कम से कम जलाएं ..इसकी जगह एक दूसरे की मदद और खुशी के लिए हाथ बढ़ाएं.. हर प्रकार के नशे से दूरी बनाएं...।
दीपावली एक त्यौहार नहीं मानव जीवन का संपूर्ण जीवन दर्शन है... यह कहना है देवभोग अंचल के जाने-माने भागवताचार्य एवं राम कथा मर्मज्ञ ग्राम डूमरबाहाल के भोला दुबे जी उन्होंने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह से चर्चा करते हुए कहा दीपोत्सव रामचंद्र जी के लंका विजय के पश्चात अयोध्या लौटने की खुशी में शुरू हुआ इसके साथ इसी समय शरद ऋतु का आगमन होता है घर घर सफाई होती है इससे वर्षा काल के क्षतिग्रस्त सीलन भरे मकानों और आसपास के क्षेत्र की साफ सफाई एवं रंग रोगन किया जाता है जिससे विषैले जीव जंतु दूर होते हैं विषाणुओं का नाश होता है घर और आसपास का वातावरण शुद्ध होता है यह दीप उत्सव धनतेरस से शुरू होकर नरक चौदस दीपावली गोवर्धन पूजा और भाई दूज 5 दिन संपन्न होता है सभी का अपना पौराणिक और सामाजिक महत्व है लेकिन खुशी मनाने के लिए हमें आधुनिकता को छोड़कर मिट्टी के दिए जलाने चाहिए हानिकारक केमिकल से बने पटाखों और नशे से दूर रहना चाहिए ।
आइए दीप से दीप जलाएं- खुशियां बांंटें प्रेम -भाईचारा बढ़ाएं... दीपोत्सव के बारे में बात करते हुए देवभोग के पास उड़ीसा बॉर्डर से लगे ग्राम झाखरपारा की एम मनु पब्लिक स्कूल की ब्रिलियंट क्लास फिफ्थ की स्टूडेंट प्रिया तिवारी ने कही बेबी प्रिया तिवारी का यह मानना है प्रदूषण चाहे वह ध्वनि या वायु प्रदूषण हो उसे समाप्त करने की जिम्मेदारी प्रदेश और देश के हर नागरिक चाहे छोटे हो या बड़े सबकी जिम्मेदारी बनती है मैंने इसीलिए दीपावली में प्रतीक के रूप में पर्यावरण अनुकूल ध्वनि रहित क्रैकर्स जलाती हूं और लोगों से यही कहती हूं त्यौहार में मिठाई फल और स्थानीय व्यंजन का आनंद उठाना चाहिए ना कि नशे और जुएं वगैरह में पैसा बर्बाद करें सामाजिक प्रेम भाव तभी बढ़ेगा और यही हमारे त्योहारों और संस्कृति का विशेष अंग है।।।
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