पर्यावरण सुरक्षा और निरोगी काया हेतु योगा के साथ... दादाजी की सीख- स्वयं रक्षामि- देश रक्षामि- मार्शल आर्ट जूडो कराटे सीबीएसई अंडर -11 जूनियर - फार ईस्ट जोन गोल्ड मेडलिस्ट चैंपियन बने.. मास्टर आदित्य राजे सिंह - fastnewsharpal.com
फास्ट न्यूज हर पल समाचार पत्र,

पर्यावरण सुरक्षा और निरोगी काया हेतु योगा के साथ... दादाजी की सीख- स्वयं रक्षामि- देश रक्षामि- मार्शल आर्ट जूडो कराटे सीबीएसई अंडर -11 जूनियर - फार ईस्ट जोन गोल्ड मेडलिस्ट चैंपियन बने.. मास्टर आदित्य राजे सिंह

 पर्यावरण सुरक्षा और निरोगी काया हेतु योगा के साथ... दादाजी की सीख- स्वयं रक्षामि- देश रक्षामि- मार्शल आर्ट जूडो कराटे सीबीएसई अंडर -11 जूनियर - फार ईस्ट जोन गोल्ड मेडलिस्ट चैंपियन बने.. मास्टर आदित्य राजे सिंह

नंबर वन स्टैंड पर गोल्ड मेडल धारी सीबीएसई ईस्ट जोन चैंपियन मास्टर आदित्य राजे

महेंन्द्र सिंह ठाकुर 

 महाभारत में अभिमन्यु की कहानी यह बताती है बच्चों को बचपन से जो माहौल और शिक्षा दीक्षा परिवार द्वारा मिलती है वह उसके लिए माइलस्टोन बन जाता है और बचपन से ही ऐसी उपलब्धियां हासिल होने लगती हैं जिसकी कल्पना भी सामान्य परिस्थिति में कोई नहीं कर सकता ऐसी ही एक प्रतिभा रायपुर के पाश कॉलोनी सफायर ग्रीन के रहवासी सिंह दंपत्ति अखिलेश सिंह जो एक मल्टीनेशनल कंपनी में स्टेट हेड हैं और उनकी धर्मपत्नी नम्रता सिंह के छोटे बेटे मास्टर आदित्य राजे सिंह है ,मास्टर राजे को बचपन से माता पिता और उनके प्यारे दादा केपी सिंह, दादी श्रीमती चंद्रवास सिह, दीदी आस्था सिंह के द्वारा पेड़ पौधों की देखभाल उनकी उपयोगिता के बारे में बताया जाता रहा परिणाम मास्टर राजे का झुकाव पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ता चला गया और अभी तक साडे 8 वर्ष की उम्र हजारों पेड़ पौधे अपने परिवार के सहयोग से लोगों को बांट चुके और स्वयं भी देखभाल करते हैं इस क्षेत्र में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई इसके साथ दादा के सीख जिसमें वे कहते " स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन हमारा सबसे बड़ा धन" और इसका सबसे बड़ा साधन है योगा जिससे मास्टर आदित्य राजे बचपन से योगा में रमते चले गए और इसमें भी मास्टरी हासिल की हमउम्र बच्चों को योगा सिखाने का जुनून बन गया और बन गए लिटिल योगा चैंपियन इन दोनों क्षेत्रों में स्थानीय से लेकर प्रदेश और देश स्तर पर कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए गए।।

स्वयं रक्षामि- देश रक्षामि.... मास्टर आदित्य राजेश के प्रिय और प्यारे दादा के पी सिंह ने सामान्य तौर पर आदित्य राजे को कहा -स्वस्थ मन और स्वस्थ शरीर तो बन चुका -अब स्वयं की रक्षा देश की रक्षा की ओर कदम बढ़ाइए इसके लिए मार्शल आर्ट सीखना है और लगभग 15 दिन पूर्व ही मास्टर आदित्य राजे अपने स्कूल की जूडो कराटे ट्रेनर् रेखा कटरे से जूडो कराटे सीखना शुरू किया और तहलका तब मच गया कि इसी बीच सीबीएसई बोर्ड के द्वारा कुछ दिनों पूर्व केपीएस स्कूलडूडा रायपुर में अंडर 11 फार ईस्ट जोन जिसमें 9 राज्य असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, सिक्किम ,नागालैंड ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड के 280 प्रतिभागी 11 साल उम्र के जूनियर चैंपियनशिप मे भाग ले रहे थे जिसमें मुश्किल से 15 दिन से पूरी तरह से कराटे सीखे मास्टर आदित्य राजे अपने हर कंपटीशन में जीत हासिल करते हुए और फाइनल में पहुंचे--- आदित्य राजे की  उम्र साडे 8 वर्ष और उनके प्रतिद्वंदी की उम्र 11 वर्ष पर्सनैलिटी में दुगना उसको कुछ ही मिनटों में धूल चटा कर आदित्य राजे ने तहलका मचा दिया और ऑल ओवर चैंपियन बनते हुए गोल्ड मेडल जीत कर अपने परिवार, अपने स्कूल डीपीएस पब्लिक स्कूल रायपुर और राज्य का नाम रोशन कर दिया। उनकी इस उपलब्धि पर विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने आदित्य राजे से पूछा अपने से ज्यादा उम्र, शरीर से भारी प्रतिद्वंदी से आप डरे नहीं ? तो आदित्य राजे ने कहा डर के आगे ही जीत होती है जिसे मै किसी भी क्षेत्र में भूलता नहीं हूं चाहे खेल का मैदान हो या जूडो कराटे का कापंटीशन, आदित्य राजे के बारे में कहा जा सकता है.. चलना है अकेले अपनी धुन में.. जगमगाता वही..जो डगमगाता  नहीं.... मंजिल तभी मिलेगी... हमारे नन्हे फूलों की बगिया तभी खिलेगी... यही हमारा परिवेश.. आदित्य राजे जैसे बच्चे से बनेगा महान हमारा भारत देश।।।

आदित्य राजे ने अपना पदक प्रदेश की जनता और बच्चों के नाम किया... मास्टरआदित्य राजे

अपना स्वर्ण पदक को प्रदेश की जनता के नाम और यहां के लाखों बच्चों के नाम समर्पित किया ताकि सभी प्रेरित होकर सफलता के हर मंजिल को प्राप्त करें वही आदित्य राजे ने अपनी प्रशिक्षक रेखा मैम के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया उनके अथक मेहनत से कम समय में यह सफलता अर्जित की।।।


Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads