राजिम नगर मे ब्रह्माकुमारियों के द्वारा निकाली गई शोभायात्रा
राजिम नगर मे ब्रह्माकुमारियों के द्वारा निकाली गई शोभायात्रा
राजिम
नगर के पितई बंद रोड आमापारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजीम के द्वारा सावन मास में शोभा यात्रा निकाली गई एवं ब्रम्हाकुमारी हेमां दीदी ने सभी को शिव संदेश सुनाया हमारे पुराणों के अनुसार शिवजी इसी मास में धरा पर आकर पार्वती को मिलते हैं पार्वती जी को उनकी तपस्या का फल प्राप्त होता है और जल अभिषेक भी किया गया हम सभी पार्वती या है और परमात्मा शिव हम सभी आत्माओं को भक्ति का फल ज्ञान देते हैं और सभी विकारों से मुक्त करते हैं इसलिए सावन मास में जल अभिषेक किया जाता है और साथ में बुराइयों को खत्म करने की निशानी धतूरा ,कनेर अक के फूल एवं फल चढ़ा चढ़ाते हैं जो जहरीला होता है यह विकार भी हमारे अंदर में जहर के समान है धतूरे के फल एवं फूल के लिए कहा जाता है "कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय" माना धतूरे के फूल को थोड़ा मात्रा में खाया जाए तो व्यक्ति सर्वप्रथम पागल हो जाता है ज्यादा मात्रा में खाने पर मर भी सकता है उसी प्रकार यह विकार सबसे पहले इंसान को थोड़ी मात्रा में आता है तो पागल हो जाता है यह बुराई अगर बढ़ जाए तो वह मर भी सकता है यह दूसरों को मार भी सकता है उसी की निशानी यह फूल एवं फल चढ़ाया जाता है।
शिव सभी आत्माओं से मंगल मिलन बनाने के लिए अपनाने के लिए इस धरा पर आ चुके है उस परमात्मा शिव से कैसे मिलन और भक्ति का फल परमात्मा से कैसे प्राप्त करें परमपिता परमात्मा शिव जी में ध्यान लगाने की विधि पितईबंद रोड आमापारा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजिम में प्रतिदिन सुबह 8:00 से 11:00 एवं शाम को 5:00 से 8:00 तक सिखाया जाता है अतः सभी भक्तजनों से निवेदन है कि अपना अमूल्य समय अवश्य निकालें