ब्रह्माकुमारीज़ राजिम मे ब्रह्मा बाबा के 55 पुण्य स्मृति दिवस को शांति दिवस के रूप में मनाया - fastnewsharpal.com
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ब्रह्माकुमारीज़ राजिम मे ब्रह्मा बाबा के 55 पुण्य स्मृति दिवस को शांति दिवस के रूप में मनाया

 ब्रह्माकुमारीज़ राजिम मे ब्रह्मा बाबा के 55 पुण्य स्मृति दिवस को शांति दिवस के रूप में मनाया



राजिम-

 प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजिम शिवशक्ति भवन आमापरा के द्वारा संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का 55 वा पुण्य स्मृति दिवस को शांति दिवस के रूप में मनाया गया एवं साथ-साथ ब्रह्मा भोजन का कार्यक्रम और दिनभर योग भट्टी का कार्यक्रम रखा गया एवं राम दरबार भी सजाया गया  ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी ने सभी को ब्रह्मा बाबा के जीवन परिचय बतायी ब्रह्मा बाबा का जन्म सिंध हैदराबाद मे 15 दिसंबर 18 76 मे जन्म हुआ बाबा का नाम लेखराज था बचपन से ही सुबह उठकर अपने पिताजी के साथ स्नान कर गीता पाठ पूजा पाठ एवं दान पुण्य करके अपने दिनचर्या शुरू करते थे बचपन में ही बाबा के माता-पिता का देहांत हो गया था बचपन  से ही बाबा के अंदर में सेवा भाव था बहुत संघर्ष करके अपना खुद का बिजनेस शुरू किया और कुछ ही वर्षों में नामचीन जौहरी व्यापारी बन ब्रिटेन नेपाल उदयपुर में उनके ग्राहक बनी और कई राज्य के राजघराने उनके ग्राहक बन गये अच्छा व्यक्तित्व होने के कारण से उनको अमीर गरीब दोनों सम्मान करते थे 1936 में जब वह सफलता के शिखर तो उनके जीवन में कुछ ऐसा असामान्य  होने लगा वैराग्य आने लगा एवं कई दिव्य साक्षात्कार होने लगे एक और इस पुरानी दुनिया का विनाश का साक्षात्कार होने लगा दूसरे और आने वाले सतयुग की स्वर्णिम दुनिया का भी साक्षात्कार होने लगा एवं परमात्मा कभी साक्षात्कार हुआ परमात्मा ने उनको अपना सर्विस समर्पण करने का प्रेरणा दिए इस अलौकिक घटना के बाद बाबा ने अपना बिजनेस समेट कर इस दिव्य कार्य में अपने जीवन को समर्पित किया परमात्मा की प्रेरणा से उन्होंने एक सत्संग शुरू किया बाबा के ओम ध्वनि करते हैं सभी को आने वाले स्वर्णिम दुनिया का साक्षात्कार होने लगा दिन प्रतिदिन सत्संग में आने वालों की संख्या बढ़ने लगा और इसका नाम ओम मंडली पड़ा इसके बाद बाबा को लेखराज कृपलानी से ब्रह्मा नाम पड़ा ब्रह्मा बाबा ने अपनी पूरी संपत्ति को आठ कन्याओं का ट्रस्ट बनाकर समर्पित किया 14 वर्षों तक ब्रह्मा बाबा ने 400 लोगों के संगठन ईश्वरी आदेश अनुसार प्रशिक्षण दिए 1950 में ईश्वरीय आदेश अनुसार कराची से भारत में स्थित माउंट आबु मे स्थानांतरित हुआ यहां संस्था का नाम रखा गया प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आत्मा परमात्मा एवं सृष्टि चक्र के ज्ञान और परमात्मा से मिलने के योग की क्रिया को सारे विश्व में फैलने के लिए ब्रह्मा बाबा ने सभी को प्रेरित किया  बहनों ने भारत के कई शहरों में जाकर इस ईश्वरी ज्ञान को लोगों को लोगों तक पहुंचाएं जल्द ही यह संदेश संपूर्ण भारत में फेल क्या और कुछ ही वर्षों में सीमा पर विदेश में भी पहुंच गया वर्तमान में जब ब्रह्माकुमारी संस्था 140 देश में है एवं हजारों की संख्या में इसके सेवा केंद्र है यह कैसी संस्था है जो बिना जाति भेद धर्म भेड़ राष्ट्र भेद के क्यों के जीवन को सुख शांति से संपन्न बना रही है जीवन बदल रही है 18 जनवरी 1969 को ब्रह्मा बाबा ने संपूर्णता को प्राप्त कर अपना पुराना दे त्याग किया उनके बताए गये आध्यात्मिक पथ पर लाखों लोग चल रहे हैं ब्रह्मा बाबा के जीवन चरित्र को अपने जीवन में उतरकर हम अपने जीवन को उच्च एवं महान बना सकते हैं और साथ ही राम जी की झांकी सजा करके आप सभी को आने वाली सतयुगी राम राज्य में जाने का आह्वान करती हूं एवं 22 जनवरी को होने वाले राम जी के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भागीदारी बने के लिए सभी 22 जनवरी को अपने घर में दिवाली की तरह दीप जलाएंगे एवं मौसम स्थल में सभी आकर के दीप जलाएंगे मुख्य अतिथि रेखा सोंनकर मीता माहडीक चित्रलेखा गुप्ता बहन ने भी अपने विचार व्यक्त किये रामायन का मतलब है राम+ आयन राम जी का जीवन चरित्र है रामायण में सभी को 22 जनवरी को अपने-अपने घरों में दिवाली दिया जलाना है इसके बारे में प्रोत्साहन भी बहन रेखा सोनकर ने ब्रह्मा बाबा के आदर्श को जीवन में धारण कर ब्रह्मा बाबा के जैसे ऊंचे विचारों वाला एवं जीवन चरित्र उच्च बनाना है और राम जी के भक्ति में अपने जीवन को लगाना है सभी को 22 जनवरी को जो शाम को 5:00 बजे से महानदी आरती स्थल पर दीप जलाकर अयोध्या में हो रहे राम जी के प्राण प्रतिष्ठा के भागीदार बने पहुंचने का आह्वान किया गया एवं साथ में अपने घरों में दिवाली के जैसे दीप जलाकर अयोध्या में हो रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा भागीदारी बने के लिए कहा बहन मीता नीता महाडिक पूर्व जनपद सदस्य ने कहा की ब्रह्मा बाबा ने नारी शक्ति के लिए विशेष काम किया और हम नारी शक्तियों को आगे बढ़ाने के लिए विश्व का इकलौता संस्था बहनों के नाम से खोला गया जिसको ब्रह्माकुमारी संस्था के नाम से जाना जाता है यह संस्था सभी के जीवन को उज्जवल एवं उच्च विचार उच्च जीवन शैली जीने की प्रेरणा देता है ब्रह्मा बाबा के जीवन चरित्र को हम सभी अपने जीवन में उतरकर ब्रह्मा बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं एवं सभी को राम जी के 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा में सभी अपने घर में दीप जलाकर दिवाली की तरह महोत्सव मनाने की प्रेरणा दिए माता ने राम जी के भक्ति में गीत गाकर माहौल को राममय बना दिए उसके पश्चात सभी ने ब्रह्मा बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए एवं  राम जी की आरती किया गया

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