त्रिवेणी संगम साहित्य समिति ने मनाया गुरु पूर्णिमा उत्सव--- जड़ और चेतन सभी गुरु का ही स्वरूप है- भावुक
त्रिवेणी संगम साहित्य समिति ने मनाया गुरु पूर्णिमा उत्सव---
जड़ और चेतन सभी गुरु का ही स्वरूप है- भावुक
राजिम:-
-त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा पंजीयन क्रमांक 25298 जिला गरियाबंद् छ. ग.के संयोजन में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े ही गरिमामय ढंग से मनाया गया, नगर के माँ गायत्री शक्तिपीठ के विशाल सभागार में आयोजित विचार संगोष्ठी का शुभारंभ युग ऋषि गुरुदेव आचार्य श्री राम शर्मा जी एवम पुजनिया माता भुनेश्वरी देवी जी के तैलचित्र पर पूजा अर्चना एवम गुरु वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ|कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहन लाल मानिकपन "भावुक" वरिष्ठ साहित्यकार एवम राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित उच्च श्रेणि शिक्षक ने किया,जबकि अध्यक्षता मकसूदन साहू बरीवाला, अध्यक्ष त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम ने किया,कार्यक्रम में रोहित साहू माधुर्य ने गुरु वंदना प्रस्तुति देकर गुरुओं को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया,तो कवि भारत लाल साहू "प्रभु" ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किया,मुख्य अतिथि के आसंदी से बोलते हुए मानिकपन जी ने कहा कि हमारा संपूर्ण जीवन गुरुदेव का सदैव ऋणी रहेगा,गुरु ही ब्रम्ह का रूप है,उनके प्रति श्रद्धा रख कर हम ईश्वर का साक्षात्कार कर सकते हैं| गोष्ठी में चर्चा करते हुए शिक्षक एवम साहित्यकार श्रवण कुमार साहू, "प्रखर" ने कहा कि युग ऋषि महर्षि वेद व्यास जी ने चार वेद एवम भागवत महापुराण की रचना करके संपूर्ण मानव जाति के नैतिक उत्थान की दिशा में क्रांतिकारी विचार दिया है,जो युगों युगों से हम सबको सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा दे रही है|कवि नरेंद्र पार्थ ने वर्तमान स्थिति में बेटों की चाहत पर जबरदस्त रचना पढ़े तो युवा कवि छग्गु यास अडिल ने वर्तमान समय में समाज के चाल और चरित्र पर तगड़ा व्यंग करते हुए लाजवाब रचना पढ़कर खूब वाह वाही लूटी|वरिष्ठ पत्रकार एवम कवि डॉ रमेश सोनसायटी ने बहुत ही चुटिली अंदाज में वर्तमान पीढी की समस्या को पंक्तिबद्ध किया,कवि रोहित माधुर्य ने सावन के स्वागत में बहुत ही बेहतरीन रचना पढ़कर सबको रोमांचित कर दिया, तो गीतकार भारत प्रभु ने किसानों की महिमा पर उत्कृष्ट गीत गाकर माहौल को ऊँचाई प्रदान किया,अध्यक्ष मकसुदन साहू,"बरीवाला " ने मंच को संबोधित करते हुए अपने अपने गुरुजनों के बताए हुये रास्ते पर चलकर कार्य करने का आह्वान किया, इस अवसर पर नगर के अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे| संचालन श्रवण कुमार साहू, "प्रखर" ने किया|