“श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगी होली, राधा-कृष्ण झांकी संग गूंजे भजन।ढोलक की थाप पर थिरकीं मातृशक्तियां, प्रेम और आनंद का बिखरा सुमन। - fastnewsharpal.com
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“श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगी होली, राधा-कृष्ण झांकी संग गूंजे भजन।ढोलक की थाप पर थिरकीं मातृशक्तियां, प्रेम और आनंद का बिखरा सुमन।

 “श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगी होली, राधा-कृष्ण झांकी संग गूंजे भजन।ढोलक की थाप पर थिरकीं मातृशक्तियां, प्रेम और आनंद का बिखरा सुमन।



संस्कृति और उल्लास का संगम, श्रीराधे नवल किशोरी महिला समिति का भव्य आयोजन।”



गरियाबंद:

होली के पावन अवसर पर श्रीराधे नवल किशोरी महिला मानस समिति द्वारा बूढ़ादेव महादेव बूढ़ेश्वर मंदिर में होली मिलन एवं रंगोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस खास मौके पर समिति की महिलाओं ने फूलों और गुलाल से होली खेलकर पानी बचाने का संदेश दिया।


फाग गीतों और झांकी से सजी रंगारंग होली




कार्यक्रम में महिलाओं ने ढोलक की थाप पर फाग गीत गाए और पारंपरिक होली नृत्य प्रस्तुत किया। राधा-कृष्ण की जीवंत झांकी ने समां बांध दिया और भक्तिमय वातावरण में सभी रंग गए। इस दौरान समिति अध्यक्ष मंजरी गुप्ता ने हंसी-मजाक से भरे “मस्ती भरे होली टाइटल” पढ़कर महिलाओं का खूब मनोरंजन किया।


महिलाओं के लिए खास पहल



समिति अध्यक्ष मंजरी गुप्ता ने बताया कि यह आयोजन दूसरे वर्ष भी सफलतापूर्वक किया गया, जिसका उद्देश्य घरेलू और कामकाजी महिलाओं को अपनी खुशियों के लिए कुछ पल निकालने का अवसर देना है।


होली के दौरान पानी की बर्बादी रोकने के लिए प्रशासन की अपील को ध्यान में रखते हुए, समिति ने मथुरा-काशी की तर्ज पर फूलों और गुलाल से सूखी होली खेली। उन्होंने कहा कि “होली गिले-शिकवे मिटाकर, समाज को एकता के रंग में रंगने का अवसर देती है।”


रंगपंचमी पर आयोजन क्यों?


महिलाओं की व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए रंगपंचमी के दिन यह आयोजन किया गया, ताकि वे अपने लिए समय निकाल सकें और खुशियों के रंगों में रंग सकें। समिति भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के लिए तीज मिलन, सावन उत्सव, होली मिलन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन लगातार करती आ रही है।


“रंगों से जुड़ा खूबसूरत संदेश”

अंत में मंजरी गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा:

“मैं रंग हूं अपने परिवार का, अपने दोस्तों का और अपने चाहने वालों के चेहरे का,

वो जितना खुश होंगे, मैं उतनी ही निखरती जाऊंगी।”

इस आयोजन को सफल बनाने में शशिप्रभा सिन्हा, हेमलता सिन्हा, कुसुमलता सिन्हा, नेहा यादव, पुष्पा यादव, अभिलाषा उपाध्याय, अनुराधा निर्मलकर, विमला साहू, श्यामबती साहू, नंदिनी त्रिपाठी, दीपा साहू, गायत्री सिन्हा, वंदिता यादव, सुमन बद्रीप्रसाद देवांगन, रेखा वर्मा, मंजू दुबे, सुमन नारायण देवांगन, लोकेश्वरी पॉल और पूजा सिन्हा (राधा-कृष्ण रूप में) सहित कई महिलाओं का विशेष सहयोग रहा।

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