पीएम मोदी ने विश्व शांति के लिए किया महामंत्र पाठ, गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने ऑनलाइन लिया हिस्सा
पीएम मोदी ने विश्व शांति के लिए किया महामंत्र पाठ, गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने ऑनलाइन लिया हिस्सा
गरियाबंद:
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 9 अप्रैल 2025 को सुबह 8 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विश्व शांति महामंत्र का पाठ किया। इस ऐतिहासिक आयोजन में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने भी ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया, जिसने इस कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। यह आयोजन नवकार महामंत्र दिवस के रूप में मनाया गया, जिसका उद्देश्य विश्व शांति, एकता और सौहार्द को बढ़ावा देना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “विश्व शांति आज की सबसे बड़ी जरूरत है। नवकार महामंत्र हमें अहिंसा, करुणा और आत्म-शांति का संदेश देता है, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है।” उन्होंने इस पाठ को एक वैश्विक संदेश के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें सभी धर्मों और समुदायों के लोग एकजुट होकर शांति की कामना करें।
गरियाबंद जैन श्री संघ की भागीदारी
इस कार्यक्रम में गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने ऑनलाइन जुड़कर अपनी सक्रिय भागीदारी दर्ज की। संघ के प्रमुख सदस्यों में ललित पारख, पुराण चंद जैन, मनीष पारख, विकास पारख, सौरभ पारख, सुमित पारख, रिंकू जैन, श्रेयांश पारख, सौमिल पारख, शुभ पारख और पार्श्व पारख शामिल थे। इसके अलावा श्रीमती चंचल पारख, लीला बाई पारख, सूरज देवी पारख, मीना जैन, संतोष पारख, आभा पारख, पूजा पारख, पूनम पारख, मुस्कान पारख, सरिता जैन, मानसी बारड़िया, नित्या पारख, पार्श्व पारख और भूमिजा पारख ने भी इस पवित्र आयोजन में हिस्सा लिया।
गरियाबंद जैन श्री संघ के
सदस्य सुमित पारख ने कहा, “हमारे लिए यह गर्व का क्षण है कि हम पीएम मोदी के साथ इस शांति महामंत्र पाठ का हिस्सा बने। यह आयोजन हमारे समुदाय के लिए एक प्रेरणा है और हम इसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।”
कार्यक्रम का महत्व
यह आयोजन जैन धर्म के नवकार महामंत्र के वैश्विक महत्व को रेखांकित करता है, जो अहिंसा और शांति का प्रतीक माना जाता है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक मूल्य विश्व को एक बेहतर दिशा दिखा सकते हैं। उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा से विश्व शांति का संदेश दिया है, और यह महामंत्र पाठ उस संदेश को और मजबूत करता है।”
कार्यक्रम में तकनीक का उपयोग भी सराहनीय रहा। देशभर से लाखों लोग ऑनलाइन माध्यम से जुड़े, जिसमें गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम ने जैन समुदाय के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि उनका अहिंसा और सेवा का भाव आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक है।
सोशल मीडिया पर उत्साह
इस आयोजन की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब रही। लोगों ने पीएम मोदी के इस कदम को सराहा और इसे विश्व शांति की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया। गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों ने भी सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की और इस पल को अपने समुदाय के लिए ऐतिहासिक बताया।
समापन और संदेश
कार्यक्रम के समापन पर पीएम मोदी ने सभी से अपील की कि वे अपने जीवन में शांति और अहिंसा के मूल्यों को अपनाएं। उन्होंने कहा, “यह महामंत्र सिर्फ एक पाठ नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। इसे अपनाकर हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि दुनिया को भी शांति का संदेश दे सकते हैं।”
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इसने देश और दुनिया में एकता और शांति का संदेश फैलाने में भी अहम भूमिका निभाई। गरियाबंद जैन श्री संघ के सदस्यों की भागीदारी ने इस बात को और बल दिया कि छोटे शहरों से भी बड़े संदेश की शुरुआत हो सकती है।