नवापारा नगर के सुप्रसिद्ध श्री राधाकृष्ण मंदिर के 100 वर्ष पूरे होने पर होंगे विविध कार्यक्रम पूरे नगर को कराया जाएगा भोज,कलश यात्रा और होगा धार्मिक अनुष्ठान
नवापारा नगर के सुप्रसिद्ध श्री राधाकृष्ण मंदिर के 100 वर्ष पूरे होने पर होंगे विविध कार्यक्रम
पूरे नगर को कराया जाएगा भोज,कलश यात्रा और होगा धार्मिक अनुष्ठान
मंदिर की खासियत - रोज दोपहर असक्त,असहाय व निर्धन को नि:शुल्क भोजन मिलता है
नवापारा-राजिम
नगर के सुप्रसिद्ध श्री राधाकृष्ण मंदिर के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी महोत्सव वर्ष के रूप में 24 नवंबर से 30 नवंबर तक मंदिर में श्री राधाकृष्ण मंदिर ट्रस्ट एवं समस्त नगरवासियो व सर्वसमाज के सहयोग से बहुत ही भव्य धार्मिक अनुष्ठान होने जा रहा है जिसमें सभी समाज के लोगो की भागीदारी होगी। इस संबंध में सोमवार शाम मंदिर परिसर में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन कर मंदिर कमेटी द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। बताया गया कि श्री राधाकृष्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को 100 वर्ष पूरे होने जा रहे है। नगर के सेठ रेखराज चतुर्भुज जी के सदसंकल्पो से इस मन्दिर ने आज से 100 साल पहले मार्गशीर्ष सुदी दशमी को मूर्त रूप लिया था। उस समय के संसाधनों से जब यह निर्मित हुआ तब इसकी भव्यता और दिव्यता देखते ही बनती थी। वास्तु एवं शिल्पकला का यह अनुठा रूप था और सुखद आश्चर्य है कि आज भी इसका सौन्दर्य सौष्ठव जस का तस बना हुआ है। मंदिर के सर्वराकार के रूप में रेखराज चतुर्भुज परिवार के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में इस मन्दिर में साल भर अनेक उत्सव संपन्न होते रहते हैं, जिसमें न केवल समूचे नगरवासियो के वरण अंचल के ग्रामीणों के सक्रिय उत्साह और सहभागिता के कारण इस मंदिर की प्रतिष्ठा उत्तरोत्तर बढ़ती ही जा रही है। मंदिर में नर्व वर्ष चैत्र माह से उत्सवो की श्रृंखला शुरू होती है वह साल भर चलती ही रहती है। आषाढ़ में रथयात्रा महोत्सव, सावन में शिवजी एवं प्रति सोमवार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण प्रतिदिन सावन झुला महोत्सव, श्री कृष्ण भगवान के साक्षात चरण चिन्ह भावो में कृष्ण जन्माष्टमी एवं नंदोत्सव ,अश्विन नवरात्रि में मां अम्बे की ज्योति जंवारा के साथ धार्मिक अनुष्ठान ,कार्तिक में विजयादशमी को रावणभांठा में रावणवध कार्यक्रम,दीपावली में अन्नकूट महोत्सव,फाल्गुन में होलिका उत्सव, रंगपंचमी जैसे अनेक महत्वपूर्ण उत्सव तो धूमधाम से मनाते ही है साथ ही वर्ष भर के तिथिक्रम में भी उत्सव एवं धार्मिक अनुष्ठान चलते ही रहते है। जिसमें दिल खोलकर ट्रस्ट कमेटी के द्वारा व्यवस्थाएं की जाती है। मन्दिर में आधुनिक साज सज्जा के साथ सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला भी संचालित होती है। ए.सी. रूम एवं बड़े हॉल है। जिसे लोगों के सामाजिक धार्मिक कार्यक्रमों के लिये बहुत ही कम सेवा शुल्क लेकर उपलब्ध कराया जाता है। मन्दिर में अशोक पुष्पवाटिका भी है। खास बात यह है कि इस मन्दिर में निर्धन ,असक्त और असहाय लोगों के लिये प्रतिदिन दोपहर नि:शुल्क भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है जिसे सुदामा भोग का नाम दिया गया है। मन्दिर की वृहद व्यवस्थाओ के सुसंचालन के लिए पर्याप्त कर्मचारी कार्यरत है जो समर्पित सेवा भाव के साथ मौजूद रहते है। बताया गया कि इस धार्मिक आयोजन में शहर के विभिन्न संस्थाओं के साथ ही मितानिन बहने,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा तीन हजार मातृशक्तियां शामिल होंगी। बस्तर से लेकर दिल्ली के लीला बैंड पार्टी व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य दल शामिल रहेंगे।
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24 से 30 नवंबर तक होंगे ये अनुष्ठान
मंदिर स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी वर्ष को भव्य एवं ऐतिहासिक रूप से मनाने 24 नवंबर से 30 नवंबर तक भव्य विष्णु महायज्ञ,भव्य शोभायात्रा,नानी बाई का मायरा एवं विशाल भजन संध्या का आयोजन भी होगा। 24 नवंबर सोमवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक कलश यात्रा,पंचांग पूजन,यज्ञशाला प्रवेश,वेदी पूजन,देव स्थापन,अर्णी मंथन होगा। 25,26 एवं 27 नवंबर को सुबह 7 बजे से 1:30 बजे तक पूजन,हवन होगा। 28 नवंबर शुक्रवार को सुबह 7 बजे से 1:30 बजे तक पूजन,हवन होगा उसके बाद सुबह 10 बजे से शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक कथावाचक श्री राधाकिशोरी के मुखारविंद से नानी बाई का मायरा होगा। रात्रि 8 बजे विजयशंकर मेहता का प्रवचन होगा। 29 नवंबर शनिवार को सुबह 7 बजे अभिषेक,7:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक पूजन,हवन पश्चात दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक नानी बाई का मायरा होगा। शाम 7:30 बजे से 10:30 हेमंत बृजवासी मंडली द्वारा भजन प्रस्तुत किया जाएगा। 30 नवंबर रविवार को सुबह 6 बजे से श्री राधाकृष्ण भगवान का महाभिषेक, 7 बजे से ध्वजा पूजन,हवन,11:36 बजे से अभिजीत मुहूर्त में पूर्णाहुति, दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक नानी बाई का मायरा,शाम 7:30 बजे से 10:30 बजे तक लीला स्पिरिचुअल बैंड का भजन होगा। पत्रकार वार्ता में मंदिर कमेटी के सर्वराकार मोहन अग्रवाल,गोपाल अग्रवाल, गिरधारी अग्रवाल ,अभिषेक अग्रवाल नयन अग्रवाल, देवराज सांखला,डा टी-एन रमेश ,शरद शुक्ला, किशन सांखला,पं ब्रम्हदत्त शर्मा,राजू काबरा,रूपेंद्र चंद्राकर,चंदू कंसारी, संदीप गोयल,निर्मल जैन आदि मौजूद थे।

