ग्रीष्मकालीन धान के फसल के लिए जल वितरण शाखा -2 में नाहर पानी देने किसानों ने कृषि मंत्री एवं विधायक के नाम सौंपा ज्ञापन
ग्रीष्मकालीन धान के फसल के लिए जल वितरण शाखा -2 में नाहर पानी देने किसानों ने कृषि मंत्री एवं विधायक के नाम सौंपा ज्ञापन
अभनपुर , मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के प्रदेश प्रवक्ता नेहरू लाल साहू के नेतृत्व में ग्रीष्मकालीन धान की फसल के लिए पानी की मांग को लेकर सैकड़ों किसानों ने हस्ताक्षर कर कृषि मंत्री एवं विधायक के नाम अनुविभागीय अधिकारी अभनपुर को ज्ञापन सौंपा। श्री नेहरू लाल साहू ने बताया कि वर्तमान में कोरोनावायरस के चलते भारत सहित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुआ है ।लोगों के आय के साधन के सीमित हो चुका है । मजदूर पूरी तरह घर बैठ गया है। राज्य सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन धान के फसल के लिए गंगरेल बांध से पानी छोड़ कर किसानों को फसल लेने का अवसर देना अच्छा कदम है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जल वितरण शाखा क्रमांक- 2 में नाली निर्माण के नाम पर फसल लेने से मनाही कराया जा रहा है।क्षेत्र के किसान 2 वर्षों से नहर पक्कीकरण का इंतजार कर रहा था लेकिन अब तक नहर का पक्की करण नहीं हो पाया। वर्तमान मे किसान अपनी आर्थिक स्थिति एवं आय बढ़ाने के लिए ग्रीष्मकालीन धान की फसल लेना चाहता है। कोरोनावायरस के चलते अन्य प्रकार की आय के संसाधन पूरी तरह खत्म हो चुका है। ऐसे में वितरण शाखा-2 के अधिनस्थ ग्राम मोहंदी, चंडी संकरी ,बेलर, भाटापारा कोपेडीह,उल्बा,राखी, भरेगा, परसुलीडीह के साथ-साथ अधीनस्थ ग्रामों को धान की फसल लेने से वंचित करना किसानों के हित मे नहीं होगा।फसल कटाई के बाद मई ,जून ,जुलाई के बचे के समय में नाली का निर्माण किया जा सकता है। नेहरु लाल साहू यह भी मांग किया कि ग्रीष्मकालीन धान की फसल के लिए 1 जनवरी से पहले पानी छोड़ा जाए ताकि दूरस्थ अंचलों में समय रहते फसल का बुवाई हो सके। किसानों के द्वारा ग्रीष्मकालीन धान के फसल को लेकर उदासीन होने का एक मुख्य कारण फसल का उम्मीद से कम मूल्य मैं मजबूर होकर बेचना भी है ।
प्रतिवर्ष कृषि रकबा में बुवाई का कमी आना भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है जोकि अर्थव्यवस्था के दृष्टि से अच्छी नहीं है। ग्रीष्मकालीन धान के फसल की न्यूनतम मूल्य निर्धारण को लेकर सरकार के द्वारा ठोस कदम उठाना किसानो के हित में होगा जिससे कृषि कार्य में बढ़ोतरी एवं किसानों में उत्सुकता बढ़ेगा।अपनी समस्या प्रतिनिधियों के बीच रखकर ज्ञापन के माध्यम से मांग प्रेषित किया है। श्री चंदूमल राठी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि इस विषम परिस्थिति में धान की फसल लेकर हम सबको अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करना होगा। इस क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में किसानों के द्वारा फसल न लेने का मुख्य कारण लावारिस मवेशियों के द्वारा फसल पर अतिक्रमण था । अब प्रदेश के गांव में गोठान निर्माण से मवेशियों की अतिक्रमण का डर समाप्त होता दिख रहा है। अनुविभागीय अधिकारी श्री निर्भय कुमार साहू ने किसानों को अस्वस्थ करते हुए आश्वासन दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे रवेली सहकारी समिति के अध्यक्ष-पारस मणि साहू, चंदूमल राठी, नेहरू लाल साहू, अनिल साहू ,चुनू लाल, खिलावन साहू, शशि साहू, प्रवीण राठी।