आज का सुविचार
🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃
💠 *आज का सुविचार*💠
🎋 *..24-10-2020*..🎋
✍🏻ईश्वर को अपना वक़ील बनाने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी का हर मुक़दमा मुफ़्त में जीतता है।
💐 *Brahma Kumaris* 💐
🌷 *σм ѕнαитι*🌷
🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃🏵🍃
♻🍁♻🍁♻🍁♻🍁♻
💥 *विचार परिवर्तन*💥
✍🏻सुन्दरता सस्ती है, चरित्र महंगा है, घड़ी सस्ती है, समय महंगा है, शरीर सस्ता है, जीवन महंगा है, रिश्ता सस्ता है, लेकिन निभाना महंगा हैं।
🌹 *σм ѕнαитι.*🌹
♻🍁♻🍁♻🍁♻🍁♻
♏🐲♏🐲♏🐲♏🐲♏🐲♏
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
*🔮●माया के चालिस चोर●🔮*
_◆ काम_
_◆1. काम_
_◆ 2. संकल्प और कल्पना_
_◆ 3. फैमिलीरिटी_
_◆ 4. गोपनीय बाते करना_
_◆ 5. अकेले मे मिलना_
_◆ 6. स्पर्श (टच)_
_◆ 7. अश्लील साहित्य पढना और देखना, इत्यादि_
_● क्रोध_
_◆ 1. क्रोध_
_◆ 2. रोब_
_◆ 3. डटना_
_◆ 4. रुसना ,रुठना_
_◆ 5. धृणा_
_◆ 6. बदला_
_◆ 7. किसी को देख कर जलना_
_● लोभ_
_◆ 1. लोभ_
_◆ 2. पद_
_◆ 3. सता_
_◆ 4. भोजन_
_◆ 5. संग्रह (इक्ठठा)_
_◆ 6. फैसन_
_◆ 7. साइट सिन_
_● मोह_
_◆ 1. मोह_
_◆ 2. तन और धन से मोह_
_◆ 3. संस्कार से मोह_
_◆ 4. वस्तु मे मोह_
_◆ 5. स्थान मे मोह_
_◆ 6. साधन मे मोह_
_◆ 7. व्यक्ति मे मोह_
_◆ 8. पद मे मोह_
_● अहंकार_
_◆ 1. अहंकार_
_◆2. मै और मेरा_
_◆ 3. तन का अहंकार_
_◆ 4. मन का अहंकार_
_◆ 5. धन का अहंकार_
_◆ 6. बुद्धि का अहंकार_
_◆ 7. विशेषताओ का अहंकार_
_◆ 8. संम्बंध-सम्पर्क का अहंकार_
_◆ 9. कर्म का अहंकार_
_◆ 10. पुरुषार्थ का अहंकार_
_★ सब का सरदार है देह- अभिमान_
_★ इसे कैसे मारे? अशरीरी बन कर और बिज_
_★ रुप अवस्था मे ठिक कर एवम् आत्मा समझ कर।_
_● यह मन्त्र है_
_◆ 1. मनमना भव_
_◆ 2. मध्याजी भव_
_◆ 3. मेरा बाबा_
_◆ 4. ओम शान्ति_
_◆ 5. वाह बाबा वाह_
_◆ 6. एक बाप दुसरा ना कोई_
_◆ 7. मै कौन और मेरा कौन_
📉🐲📉🐲📉🐲📉🐲📉🐲📉
📉🧿📉🧿📉🧿📉🧿📉🧿📉
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
*📚★ प्रेरणादायक कहानी ★📚*
*🚨----- परमात्मा से सम्बन्ध -----🚨*
_◆ एक बार एक पंडित जी ने एक दुकानदार के पास पांच सौ रुपये रख दिए। उन्होंने सोचा कि जब मेरी बेटी की शादी होगी तो मैं ये पैसा ले लूंगा।_
_◆ कुछ सालों के बाद जब बेटी सयानी हो गई, तो पंडित जी उस दुकानदार के पास गए।_
_◆ लेकिन दुकानदार ने नकार दिया और बोला- आपने कब मुझे पैसा दिया था? बताइए! क्या मैंने कुछ लिखकर दिया है?_
_◆ पंडित जी उस दुकानदार की इस हरकत से बहुत ही परेशान हो गए और बड़ी चिंता में डूब गए। फिर कुछ दिनों के बाद पंडित जी को याद आया, कि क्यों न राजा से इस बारे में शिकायत कर दूं। ताकि वे कुछ फैसला कर देंगे और मेरा पैसा मेरी बेटी के विवाह के लिए मिल जाएगा।_
_★ फिर पंडित जी राजा के पास पहुंचे और अपनी फरियाद सुनाई।_
_◆ राजा ने कहा- कल हमारी सवारी निकलेगी और तुम उस दुकानदार की दुकान के पास में ही खड़े रहना।_
_◆ दूसरे दिन राजा की सवारी निकली।। सभी लोगों ने फूलमालाएं पहनाईं और किसी ने आरती उतारी।_
_◆ पंडित जी उसी दुकान के पास खड़े थे। जैसे ही राजा ने पंडित जी को देखा, तो उसने उन्हें प्रणाम किया और कहा- गुरु जी! आप यहां कैसे? आप तो हमारे गुरु हैं। आइए! इस बग्घी में बैठ जाइए।_
_★ वो दुकानदार यह सब देख रहा था। उसने भी आरती उतारी और राजा की सवारी आगे बढ़ गई।_
_◆ थोड़ी दूर चलने के बाद राजा ने पंडित जी को बग्घी से नीचे उतार दिया और कहा- पंडित जी! हमने आपका काम कर दिया है। अब आगे आपका भाग्य।_
_◆ उधर वो दुकानदार यह सब देखकर हैरान था, कि पंडित जी की तो राजा से बहुत ही अच्छी सांठ-गांठ है। कहीं वे मेरा कबाड़ा ही न करा दें। दुकानदार ने तत्काल अपने मुनीम को पंडित जी को ढूंढ़कर लाने को कहा।_
_◆ पंडित जी एक पेड़ के नीचे बैठकर कुछ विचार-विमर्श कर रहे थे। मुनीम जी बड़े ही आदर के साथ उन्हें अपने साथ ले आए।_
_◆ दुकानदार ने आते ही पंडित जी को प्रणाम किया और बोला- पंडित जी! मैंने काफी मेहनत की और पुराने खातों को देखा, तो पाया कि खाते में आपका पांच सौ रुपया जमा है। और पिछले दस सालों में ब्याज के बारह हजार रुपए भी हो गए हैं। पंडित जी! आपकी बेटी भी तो मेरी बेटी जैसी ही है। अत: एक हजार रुपये आप मेरी तरफ से ले जाइए, और उसे बेटी की शादी में लगा दीजिए।_
_◆ इस प्रकार उस दुकानदार ने पंडित जी को तेरह हजार पांच सौ रुपए देकर बड़े ही प्रेम के साथ विदा किया।_
_◆ ------ तात्पर्य ------ *जब मात्र एक राजा के साथ सम्बन्ध होने भर से हमारी विपदा दूर जो जाती है,* *तो हम अगर इस दुनिया के राजा यानि कि परमात्मा से अपना सम्बन्ध जोड़ लें*, *तो हमें कोई भी समस्या, कठिनाई या फिर हमारे साथ किसी भी तरह के अन्याय का तो कोई प्रश्न ही नहीं उत्पन्न होगा।* बम बम शिव भोला भंडारी_
*🌷◆ ओम शांति ◆🌷*
📉🧿📉🧿📉🧿📉🧿📉🧿📉