भूख प्यास से तड़प रही लगभग सौ गौवंश को मुक्त कराया बजरंगियों ने - fastnewsharpal.com
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भूख प्यास से तड़प रही लगभग सौ गौवंश को मुक्त कराया बजरंगियों ने

 भूख प्यास से तड़प रही लगभग सौ गौवंश को मुक्त कराया बजरंगियों ने



गाय के अंतिम संस्कार के दौरान पडी बजरंगियों की नजर

नवमी पर मुक्त हुई गायें मिला नया जीवन

हो सकती थी भूख प्यास से मौत की कोई बड़ी घटना



   सुरेन्द्र जैन धरसीवां

  दोपहर एक मृत मिली गाय का अंतिम संस्कार करने गए सांकरा के बजरंगियों की नजर ऐंसी सुनसान जगह पर पडी जहां लगभग सौ गौवंश वाउंड्री के अंदर बन्द थे गेट में ताला लगा था और अंदर गौवंश भूखे प्यासे विचरण कर रहे थे जिन्हें बजरंगियों ने मुक्त कराया और एक नया जीवन प्रदान दिया ।

 जानकारी के मुताबिक बजरंग दल सांकरा के संरक्षक पीताम्बर यदु अपने गौरक्षक साथियों के साथ एक मृत गाय का अंतिम संस्कार करने शनिवार दोपहर सिलतरा जीके टाउन शिप के पीछे पहुचे इस दौरान सुनसान में वाउंड्री वॉल से घिरी एक जगह पर बड़ी संख्या में उन्हें गायों का झुंड दिखाई दिया नजदीक जाकर देखा तो मुख्य गेट में अंदर से ताला लगा था लेकिन गायों के आसपास उन्हें खाने व पीने को पानी तक नही था संदेह होने पर उन्होंने ततकल सरपंच ग्राम पंचायत सिलतरा के अलावा चौकी प्रभारी सिलतरा को भी इसकी सूचना दी इसके बाद उन्होंने काफी समय से भूखी प्यासी लगभग सौ गायों को वहां से मुक्त कराकर उन्हें नया जीवन दिया।

   भूख प्यास से हो सकती थी मौत

   जिस परिस्थिति में बड़ी संख्या में गौवंश को अंदर बन्द देखा गया उसे देखते हुए यदि कुछ दिन ओर किसी की नजर नही पड़ती तो भूख प्यास से कई गायों की मौत हो सकती थी।

  सरपंच ने कहा मुझे नही पता

  इस मामले में सिलतरा सरपंच का कहना है कि यहां गाय केंसे पहुची उन्हें  इसकी कोई जानकारी नही।


कुछ किसानों ने किया था बन्द

   कुछ किसानों ने बताया कि फसलों की सुरक्षा के लिए उन्होंने ही यहां गायों को रखा था  ग्राम पंचायत को इसकी जानकारी नही यदि यह सही माना जाए कि किसानों ने रखा था तो वहां खाने पीने की समुचित व्यवस्था क्यों नही की गौवंश फेक्ट्रियो का लाल गंदा पानी क्यों पी रहे थे   और इन गायों को यदि फसलों की सुरक्षा के हिसाब से रखना भी था तो गौठान में क्यों नही रखे।

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