मातृ-पितृ दिवस पर माता-पिता का सम्मान
मातृ-पितृ दिवस पर माता-पिता का सम्मान
नवापारा नगर
राष्ट्रीय सेवा योजना, रेडक्रास सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय अपने नियमित गतिविधि के अंतर्गत मातृ-पितृ , वेलेंटाइन डे पूर्व दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित श्री मकसूदन साहू बरीवाला , मोहन मनिकपन, डॉ. आर.के.रजक व् स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्तिथि में संपन्न हुआ है मकसूदन साहू ने स्वयंसेवकों को संबोधन करते हुए कहा कि सच्चा प्यार तो हमें अपने माता-पिता से ही मिलता है दुनिया की लाखो दौलत उनके प्यार को , नही खरीद सकता भारत देवी – देवताओ का देश है यंहा बड़ो का सम्मान परम्परा ही नही एक संस्कृति है माता पिता के सम्मान से जीवन सफल हो जाते है जीवन में प्रशन्नता लाने तथा समस्याओ को सुलझाने में माता-पिता का विशेष योगदान होता है,मोहन मनिकपन ने बताया की यह पर्व विद्यालय में भी मनाया जाता है , माता-पिता का तिलक लगाकर, माला पहनाकर पूजन करते है यह दृश्य सबके हृदय को छू लेता है और सभी का मन-भाव विभोर हो उठता है मातापिता हमसे अधिक वर्ष दुनिया में गुजारे है उनका अनुभव हमसे कंही ज्यादा है उनका अनुभव हमें सहज ही मिलता है | कार्यक्रम संयोजक डॉ. आर.के.रजक अपने उद्गार में कहा की 14 फरवरी को अंग्रेजी दिवस याने वेलेंटाइन डे का बहिष्कार करते हुए हिन्दू संस्कृति अपनाते हुए यह दिन मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाना चाहिए जो व्यक्ति माता-पिता गुरुजनों को प्रणाम करता है उनकी सेवा करता है,उसकी आयु ,विधा,यश ,बल चारो बड़ते है यह केवल प्रेमी-प्रेमिका से नही बल्कि माता पिता से भी प्यार जताने का दिन होता है |
दोनों कवियों ने स्वयंसेवकों को अपने अलग अलग अंदाज में युवाओ को इस दिवस पर हम कैसे प्रभावित करे कि वे मातृ-पितृ दिवस को एक यादगार रूप में मनाये, स्वयंसेवकों में प्रमुख रूप से तुलसी साहू , यामिनी साहू , साक्षी , गोपी ,लक्ष्मी , रागिनी, पंकज , नितेश,अजित, पुष्पेन्द्र, मीणा , चंद्रशेखर , ख़ुशी ,लोमेश , ललिता , वरुण , नितलेश , पद्मनी , सहित 42 स्वयंसेवकों को ने शपथ लिया की हम सभी अपने गाँव तथा घरो में इस दिवस को एक अलग अंदाज में मना कर लोगो को जागरूक करेंगे , कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी साहू , धन्यवाद तृप्ति साहू ने की |