*एक नवम्बर से धान खरीदी की घोषणा से किसानों ने माना मुख्यमंत्री का आभार*
*एक नवम्बर से धान खरीदी की घोषणा से किसानों ने माना मुख्यमंत्री का आभार*
*किसानों ने राज्य सरकार से एक नवंबर से धान खरीदी की किया था मांग*
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*केन्द्र सरकार किसानों को उनकी उपज का लागत से डेढ़ गुणा बारहों माह न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की दे दे गारंटी*
राजिम
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ (संयुक्त किसान मोर्चा) से जुड़े किसान संगठनों ने छत्तीसगढ़ सरकार से एक नवंबर से धान खरीदी करने की मांग किया था वही केन्द्र सरकार से कहा है कि किसानों की सभी फसलों पर लागत से डेढ़ गुना लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य बारहों महीना किसानों को मिल सके इसके लिए कानूनी गारंटी देनी चाहिए जो संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख मांगो में शामिल है।
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सदस्यों मदन लाल साहू, ललित कुमार , उत्तम कुमार, रेखुराम, जहुर राम, पवन कुमार, सोमन यादव, होरीलाल, बजरंग मानिकपुरी, युवराज नेताम, पदम नेताम, परमेश्वर यादव, नंदू ध्रुव, सोमनाथ साहू, दिनेश कुमार, चुम्मन लाल, मनोज कुमार, मोहन लाल आदि ने कहा कि हरुना किस्म के धान की कटाई 5 अक्टूबर तक दशहरा के समय शुरू हो जाएगी और दीपावली के आते आते अर्थात 25 अक्टूबर तक लंबी अवधि की धान कटाई शुरू हो जाएगी। एक नवम्बर से न्यूनतम समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरू होने से राज्य सरकार और किसानों को सुविधा यह होगी कि खरीदी केन्द्रों में किसानों की एक साथ भीड़ नहीं होगी, भंडारण एवं परिवहन खरीदी की शुरुआत से ही होने लगेगी जिससे बेमौसम बारिश के कारण किसानों को फसल का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा, बोरो की समस्याओं से सरकार और किसानों को जूझना नहीं पड़ेगा। किसानों की इस मांग और तर्क से सहमत होते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने एक नवम्बर से धान ख़रीदी की घोषणा किया गया है और संबंधितों को आवश्यक निर्देश दिया गया है इसके लिए हम किसानों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं।
इसी तरह केन्द्र सरकार से भी आशा रखते हैं कि किसानों की मांगों को गंभीरता से ले और सभी फसलों के लिए लागत से डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून लागू करे जिससे किसान पूरे साल भर फसल रखकर अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि उपज मंडियों में उपज बेच सकते हैं जिससे किसानों को लाभकारी दाम मिलेगी और बिचौलियों द्वारा शोषण से मुक्ति मिलेगी। इसलिए किसान हित मे केन्द्र सरकार को अतिशीघ्र ही निर्णय लेना चाहिए।