कचना धुरुवा महाविद्यालय में हुआ विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन
कचना धुरुवा महाविद्यालय में हुआ विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन
तेजस्वी यदु /छुरा
नगर स्थित निजी कचना धुरुवा महाविद्यालय में विगत तीन वर्षो बाद सांस्कृतिक गतिविधियों से महाविद्यालय परिसर में उत्साहपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । 24 सितंबर राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के रासेयो स्वयं सेवकों ने गोष्ठी एवम सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ साथ आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया।महाविद्यालय के रासेयो की महिला एवम पुरुष इकाई के स्वयं सेवको ने महाविद्यालय परिसर की साफ सफाई की,कोरोना टीकाकरण जागरूकता रैली, रोपित पौधो की सफाई की गई। तत्पश्चात गोष्ठी का आयोजन किया गया,
महाविद्यालय के प्राध्यापक रासेयो कार्यक्रम अधिकारी आर आर कुर्रे ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य, इतिहास, एवम महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 24 सितंबर 1969 को की गई थी तब से प्रति वर्ष 24 सितंबर को ही मनायाा जाता है । इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के साथ-साथ राष्ट्र सेवा के लिए उन्हें जागरूक करना है। आसान शब्दों में कहे तो खेल मंत्रालय भारत सरकार राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत युवाओं के व्यक्तित्व विकास हेतु युवा कार्यक्रम संचालित करती है। इस संगठन की स्थापना की बात आजादी पूर्व से दिवगंत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समय से चल रही थी, जिसे अंतिम रूप सन 1969 ई. में दिया गया उन्होंनेेबताया कि किसी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है। आज देश में तकरीबन 65 फीसदी जनसंख्या युवा है। इस मद्देनजर यह देश के लिए सौभाग्य की बात है कि देश का चौमुखी विकास एकसाथ हो सकता है। इसके लिए आजादी के समय गांधी जी ने युवाओं को राष्ट्रीय सेवा से जोड़ने पर विशेष बल दिया था। आजादी के पश्चात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में पहली बार स्वैच्छिक आधार पर शैक्षिक संस्थाओं में राष्ट्रीय सेवा आरंभ करने की सिफारिश की।इस पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) ने जनवरी, 1950 में विचार किया। जबकि दो वर्ष बाद भारत सरकार ने पंचवर्षीय योजना के तहत एक वर्ष छात्रों के सामाजिक एवं श्रम सेवा पर बल दिया। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस विषय पर संज्ञान लिया और फिर शिक्षा मंत्री सम्मेलन में राष्ट्रीय सेवा योजना का मसौदा पेश किया गया। इसके तहत 28 अगस्त, 1959 को एक राष्ट्रीय सेवा समिति की स्थापना की गई।
जबकि 24 सितंबर, 1969 को 37 विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसकी शुरुआत तत्कालीन शिक्षामंत्री डॉ. वी. के. आर.वी. राव ने की। राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस की शुरुआत गांधी शताब्दी वर्ष में हुई, क्योंकि गांधी जी का कहना था कि देश की सेवा में युवाओं की भागीदारी जरूरी है। वर्तमान समय में राष्ट्रीय सेवा योजना के 39,695 एनएसएस इकाइयों में 36.5 लाख से अधिक स्वयंसेवी हैं। कार्यक्रम को महाविद्यालय प्रबंध समिति सदस्य तेजस्वी यादव, खेल क्रीड़ा अधिकारी तरुण निर्मलकर, प्राध्यापक विनोद यादव, ने भी संबोधित किया कैलाश साहू, निर्मला यादव, पी के यादव, एस के साहू, आरती साहू सहित महाविद्यालय स्टॉप छात्र संघ के पदाधिकारी,रासेयो स्वयं सेवक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।