पांडुका गरियाबंद के बीच मुख्य मार्ग शाम को हाथियों की धमक से बाधित हुआ सड़क
पांडुका गरियाबंद के बीच मुख्य मार्ग शाम को हाथियों की धमक से बाधित हुआ सड़क
पांडुका.
गरियाबंद जिले के फॉरेस्ट रेंज के जितने भी क्षेत्र हैं वहां हाथियों की धमक लगातार जारी है कहीं झुंड में कहीं दो के जोड़े में यह आम जनता के साथ वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है लगातार इसका लोकेशन लेना और वन विभाग द्वारा लोगों को सचेत करना हाथियों के आक्रोश के और गुस्से के शिकार कई लोगों को पांडुका क्षेत्र से लेकर मैनपुर तक क्षेत्र में अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है स्थाई प्रॉपर्टी जैसे मकान के साथ सैकड़ों एकड़ फसल हाथियों के द्वारा नष्ट कर दी गई है लोगों का जीवन जब तक उनके निवास गत क्षेत्र के आसपास हाथियों का झुंड रहता है बिल्कुल बंधन कारी जैसे हो जाता हैl क्योंकि जिंदगी सबको प्यारी होती है!
पांडुका गरियाबंद के बीच मुख्य मार्ग शाम को हाथियों की धमक से बाधित हुआ.... रायपुर देवभोग मुख्य मार्ग में शाम करीब 5:30 बजे अचानक हाथी मित्र दल और पांडू का थाने के पुलिस वाले पोड और बारूका ग्राम के बीच में हाथी के पहुंचने पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से लोगों को आने जाने से रोका गया और वहीं पर मुख्य मार्ग में विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई और बताया गया की पास की नर्सरी में एक हाथी भी आया है और एक हाथी के आने की संभावना और है, पहला वाला हाथी संभवत धमतरी क्षेत्र से पहुंचा हैl
लोगों की घोर लापरवाही दृष्टिगत हुई... वही विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने देखा हाथी निगरानी दल और पुलिस के मना करने के बावजूद कुछ लोग बेहद लापरवाही पूर्वक नर्सरी में खड़े हाथी का फोटो शूट कर रहे थे दूरी मुश्किल से 100 मीटर रही होगी विशालकाय जानवर कब हिंसक होकर इनको दौड़ा ले कोई नहीं जानता सूत्रों की माने तो हाथी कुछ दूर तक जब गुस्से में होता है तो 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है भारी शरीर होने की वजह से हालांकि बहुत ज्यादा दूरी तक यह रफ्तार नहीं रहती लेकिन हाथी की भीषण चिघंड दहशत भरने का बदहवास करने के लिए और सामने वाले को पकड़ने के लिए उसकी सूंड बहुत कारगर होती है इसलिए इससे काफी दूरी बना कर रखना ज्यादा अच्छा रहता है।