*राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020:एनसीसी एक वैकल्पिक विषय* - fastnewsharpal.com
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*राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020:एनसीसी एक वैकल्पिक विषय*

 *राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020:एनसीसी एक वैकल्पिक विषय*



राजिम

केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में एनसीसी को प्रोत्साहन देने के प्रावधान के अंतर्गत यूजीसी और एआइसीटीई ने विद्यार्थियों को एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनने की मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय कैडेट कोर से जुड़े कैडेट्स अब विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एनसीसी का वैकल्पिक विषय के रूप में चयन कर सकेंगे। इसके लिए महानिदेशक राष्ट्रीय कैडेट कोर की तरफ से सभी विश्वविद्यालय को पत्र जारी किया गया है। महानिदेशक ने पत्र में स्पष्ट किया है कि अब एनसीसी को बहुत अधिक आकर्षक बनाने व युवाओं को बेहतरीन तरीके से प्रशिक्षित करने के साथ उनकी प्रतिभाओं को आत्मसात करने के लिए एनसीसी कैडेट को एनसीसी बतौर वैकल्पिक विषय में पढ़ाया जाएगा।

एनसीसी का मुख्य उद्देश्य युवाओं में सशक्त चरित्र निर्माण, कामरेडशिप, अनुशासन, धर्म-निरपेक्ष दृष्टिकोण, अत्म-विश्वास, टीम-भावना, मूल्यनिष्ठ समाज, राष्ट्र-निर्माण एवम सेवाभाव के आदर्शों को विकसित करना है। एनसीसी प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं को जीवन के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व गुणों के साथ एक संगठित, प्रशिक्षित और प्रेरित युवाओं का एक ऐसा पूल बनाना है, जो राष्ट्रसेवा एवं राष्ट्र-निर्माण में सदैव अग्रणी रहेंगे चाहे वे किसी भी कैरियर का चयन करें। साथ ही, राष्ट्रीय कैडेट कोर युवा भारतीयों को सशस्त्र बलों में शामिल होने हेतु प्रेरित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। एनसीसी ने 1948 से राष्ट्र-निर्माण में सतत रूप से महत्वपूर्ण योगदान दिया है।



राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशालय, नई दिल्ली द्वारा भारतीय युवाओं के लिए एनसीसी के पाठ्यक्रम को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने के लिए अनूठी पहल की है। इसके अंतर्गत अब विभिन्न विश्व-विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में एनसीसी को एक सुनियोजित पाठ्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है जिससे स्नातक परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में अन्य वैकल्पिक विषयों (जैसे विज्ञान, वाणिज्य, कला, विधि, संगीत, आदि) की ही तरह अब एनसीसी भी एक वैकल्पिक विषय के तौर पर उपलब्ध होगा। एनसीसी पाठ्यक्रम में कुल क्रेडिटों की संख्या 24 होगी जो कि कुल 6 सेमेस्टर अर्थात तीन वर्ष का होगा। हर सेमेस्टर में सैद्धांतिक और प्रायोगिक के क्रेडिट्स मिलेंगे। इसमें सैद्धांतिक के 8 क्रेडिट्स , प्रैक्टिकल 6 क्रेडिट्स औैर कैंप 10 क्रेडिट्स का होगा। इस तरह से विषय में कुल 24 क्रेडिट्स का होगें। इलेक्टिव कोर्स में एनसीसी लेने पर छात्र की डिग्री में इस विषय का उल्लेख होगा। उसके क्रेडिट एकेडमिक में जुड़ जाएंगे। इस कोर्स में पहले से छठे सेमेस्टर तक एक थ्योरी और एक प्रैक्टिकल रखा है। तीसरे और पांचवें सेमेस्टर में पांच-पांच कैंप को जोड़ा गया है

इसके सिलेबस में 14 टापिक कॉमन हैं जिसमें एनसीसी का परिचय, राष्ट्रीय एकता, ड्रिल, हथियारों की ट्रेनिंग, व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व, आपदा प्रबंधन, सामाजिक सेवा, हेल्थ, एडवेंचर, पर्यावरण जागरूकता जैसे विषय लिए हैं। इसके अलावा आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के विशेष कोर्स में मैप रीडिंग, हथियारों के रखरखाव, संचालन आदि पढ़ाया जाएगा। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स को अलग-अलग सेमेस्टर में शामिल किया है। इसमें सामान्य विषयों के साथ मिलिट्री विषयों (आर्मी, नेवी, ऐयर फोर्स) की थ्योरी एवं प्रेक्टीकल क्लासेस ली जायेंगी तथा एक 10 दिवस का कैम्प भी होगा, जिसमे पुरी ट्रेनिंग का सार होगा। 


विवि व कॉलेजों के प्रोफेसर्स (ए. एन. ओ.) जहाँ सामान्य विषयों की थ्योरी क्लासेस लेंगे वहीं एनसीसी यूनिट के प्रशिक्षित एवं अनुभवी सैनिकग़ण (पी. आई. स्टाफ़) मिलिट्री विषयों (आर्मी, नेवी, ऐयर फोर्स) की थ्योरी क्लासेस एवं प्रेक्टीकल क्लासेस लेंगे। इस समग्र एनसीसी पाठ्यक्रम में वार्षिक प्रशिक्षण शिविर भी शामिल हैं, जिनमें शामिल होना अनिवार्य है एवं अतिरिक्त क्रेडिट अंक भी दिये गये हैं। अब एनसीसी के पाठ्यक्रम को एक वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने से छात्रों को संबंधित स्नातक डिग्री/मार्क्स शीट में समग्र सी.जी.पी.ए. में एनसीसी (वैकल्पिक विषय) के क्रेडिट अंको को भी दर्शाया जा सकेगा। हाल ही में राष्ट्रीय कैडेट कोर महानिदेशालय, नई दिल्ली द्वारा यूजीसी को प्रस्ताव किया गया और प्रस्तावित समग्र नवीन एनसीसी पाठ्यक्रम भेजा गया है।


फलस्वरूप यूजीसी की हरी झंडी के पश्चात यूजीसी द्वारा यह प्रस्ताव 15 अप्रैल 2021 को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजा गया है, जिसमें एनसीसी को उनके अंतर्गत सभी कालेजों में चल रहे स्नातक पाठ्यक्रमों में एनसीसी को भी शामिल करने के दिशा-निर्देश दिये गये हैं। महानिदेशालय द्वारा एनसीसी का नवीन पाठ्यक्रम नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 एवं सामान्य वैकल्पिक क्रेडिट पाठ्यक्रम (सीबीसीएस) के अनुरूप बनाया गया है। इससे एनसीसी को सभी कॉलेजों में चल रहे स्नातक पाठ्यक्रमों में एनसीसी को भी सुचारू रूप से वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल करने में सुविधा होगी।


एनसीसी पाठ्यक्रम को एक वैकल्पिक विषय के तौर शामिल करने की पहल का उद्देश्य एनसीसी प्रशिक्षण को और अधिक समग्र और कौशल उन्मुख बनाना है, जिससे अंततः कैरियर की संभावनाओं को सुगम बनाया जा सके। मुख्य रूप से पाठ्यक्रम के सफल समापन पर छात्रों को क्रेडिट अंक प्रदान किए जायेंगे, जो उन्हें अपने संबंधित डिग्री के लिए अर्हता प्राप्त करने में भी सक्षम बनायेगा। इसका उद्देश्य से सभी छात्र-छत्राऔं में अनुशासन का पालन करने और उनमें देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। यह विशेष रूप से कॉलेजों में अध्यनरत ‘बी’ एवं ‘सी’ सर्टिफिकेट परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले कैडेटों को एक बड़ा लाभ प्रदान करेगा, जिन्हें दो से पाँच साल की प्रशिक्षण अवधि के बाद सम्मानित किया जाता है।

अब छात्र-छात्राएँ उन संस्थानों में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय के तौर पर अपने पाठ्यक्रम में चयन कर सकेंगे। जिन संस्थानो एवं विश्वविद्यालयओं द्वारा एनसीसी पाठ्यक्रम को एक वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल किया गया है। अब ऐसे स्नातक छात्र-छात्राओं को जिन्होनें एनसीसी क्रेडिट कोर्स (विषय) का चयन किया है, ऐसे कैडेटों को बी-सी सर्टिफिकेट के साथ अपने स्नातक पाठ्यक्रम में एनसीसी के भी पूरे क्रेडिट मिलेंगे, जो वर्तमान में उन्हें नहीं मिल रहे हैं साथ ही उनके शारीरिक दक्षता व क्षमताओं का विकास होगा व आपदा प्रबंधन व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन सीख सकेंगे। युवाओं को सैन्य संगठनों में रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी तथा निर्णय कौशल व समस्याओं का प्रभावी समाधान करने में कुशल होंगे साथ ही निजी सुरक्षा कंपनियों में भी रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

वर्तमान में स्कूल,कॉलेजों में एनसीसी को सहशैक्षणिक गतिविधियों में सम्मिलित किया जाता है पर अब 16 मार्च 2022 को पीआईबी दिल्ली द्वारा एनईपी के तहत पाठ्यक्रम में एनसीसी को  शिक्षा में जोड़ा गया है तथा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के पैरा 6.17 में प्रावधान है कि रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में, राज्य सरकारें आदिवासी बहुल क्षेत्रों सहित अपने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एनसीसी विंग खोलने को प्रोत्साहित कर सकती हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अपने अंतर्गत आने वाले स्कूलों में कक्षा ix - xii (नवमी से बारहवीं) में एनसीसी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में पेश करता है जो एनसीसी प्रदान करते हैं और इसका प्रबंधन रक्षा मंत्रालय के तहत एनसीसी निदेशालय द्वारा किया जाता है। महानिदेशक, एनसीसी, रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रावधानों और नीति के अनुसार केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति में भी एनसीसी प्रशिक्षण लागू किया जाता है। इस प्रकार स्कूल-कॉलेज शिक्षा में इसे विषय के रूप में भी दर्जा मिलने से विद्यार्थियों को करियर और व्यक्तित्व निर्माण के और बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

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