प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में ओम शांति भवन न्यू पलासिया इंदौर में हल्दी कुमकुम समारोह का आयोजन
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में ओम शांति भवन न्यू पलासिया इंदौर में हल्दी कुमकुम समारोह का आयोजन
इंदौर
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में ओम शांति भवन न्यू पलासिया में हल्दी कुमकुम समारोह का आयोजन किया गया जिसकी थीम "कुशल महिला, खुशहाल परिवार" रखी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व स्वागत नृत्य से किया गया. कार्यक्रम में बीके विका बहन ने मकर संक्रांति का महत्व समझाया । क्रांति अर्थात बुराई को हटाना और अच्छाई को लाना। बुराई से मुक्त होना है। जब हम अपने अंदर कड़े संस्कारों को व बुरी आदतों को हटाने का दृढ़ संकल्प करते हैं और सबके साथ स्नेहयुक्त, सकारात्मक व्यवहार करने का दृढ़ संकल्प करते हैं तो हमारा जीवन श्रेष्ठता की ओर आगे बढ़ता है । हमारा परिवार श्रेष्ठ संस्कारों से संपन्न होने लगता है और हमारे भीतर स्वयं के प्रति सम्मान जागृत होता है क्योंकि हमने स्वयं को बेहतर बनाने का चुनाव किया आपने राजयोग द्वारा परमात्मा से जुड़ने की विधि बताई आपने बताया खुशी परमात्मा का दिया हुआ वरदान है जिसे स्वयं उत्पन्न करना होता है राजू के अभ्यास द्वारा जब हम अपने मन रूपी पतंग की डोर परमपिता परमात्मा को सौंप देते हैं तो हमारा जीवन ऊपर उठने लगता है और हम हल्के रहकर अपने सारे कार्य करते हैं आपने राज्यों का अभ्यास भी कराया विशेष अतिथि बहन भारती मांडोले (डायरेक्टर ऑफ़ ईवा वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशनज) ने हल्दी कुमकुम का महत्व समझाते हुए बताया कि हल्दी व कुमकुम रूप सौंदर्य व धार्मिक आयोजन में उपयोग की जाती है और यह दैहिक और मानसिक दोनों प्रकार से महत्व रखती है। आपने बताया पहले महिलाओं को बाहर जाने की अनुमति नहीं थी तब ऐसे आयोजन किए जाते थे ताकि महिलाओं में शिक्षा की जागृति हो पाए। बड़ी बात यह है कि आज भी हम यह त्यौहार मना रहे हैं हम देख रहे हैं। आज एक और महिला आधुनिकता की अंधी दौड़ में जा रही है वहीं दूसरी ओर आज भी बहुसंख्यक महिलाएं अंधविश्वास और कुरीतियों के चक्र में फांसी हुई है इसका मूल कारण शिक्षा का अभाव और वैचारिक संकीर्णता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से महिलाओं में समानता के महत्व को स्पष्टकर उन्हें मानसिक स्तर पर सशक्त बनाने की आवश्यकता है। आपने ब्रह्माकुमारीज द्वारा ऐसे आयोजनों पर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। बहन दक्षा (समाजसेवी) जिस परिवार में समानता है, पारदर्शिता है, तो महिला परिवार को खुशहाल रखने में निश्चित ही कामयाब है। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने को विशेष माने। आरती दीदी जी (जोनल इंचार्ज म. प्र. एवम छ.ग.) आपने बताया कुमकुम और हल्दी का महत्व तीज त्योहार पर विशेष है हल्दी एंटीबायोटिक होती है जो स्वास्थ्य में लाभदायक है । कुमकुम को मस्तक पर लगाया जाता है यह आत्म स्मृति का सूचक है जब हम स्वयं को आत्मा समझकर परमात्मा से जुड़ते हैं तो हमारे जीवन में श्रेष्ठ गुणों की धारणा होती है, तब हमारा जीवन सरल और सहज हो जाता है सरलता मधुरता जैसे गुण अनायासी हमारे जीवन का हिस्सा बन जाते हैं और हमारा परिवार खुशहाल हो जाता है आपने बताया हमें अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए। हमारे बोल सुखदाई हो जोड़ने वाले हो। कड़वी वाणी से सुखी परिवार की कल्पना करना भ्रम है। कार्यक्रम के अंत में सभी के हाथों में दिव्य गुण लिखकर सुंदर पतंगे दी गई और सभी ने खुशी में झूम कर नृत्य भी किया। मंच संचालन बीके आशा ने किया।