नया जतन एवं 21वीं सदी के कौशल पर हुआ ऑनलाइन प्रशिक्षण।
नया जतन एवं 21वीं सदी के कौशल पर हुआ ऑनलाइन प्रशिक्षण
बच्चों का स्वयं से सीखना भी उसे खोजी, साहसी और वैज्ञानिक सोच वाला बनाता है
आरंग
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद रायपुर के द्वारा आयोजित तृतीय दिवस एफ एल एन ऑनलाइन प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनरों ने नया जतन के बारे में कहा कि यह सीखने और सिखाने की सतत चलने वाली शिक्षा शास्त्र की रणनीति है, तथा बहुस्तरीय शिक्षण का एक सशक्त उपकरण भी तथा इस प्रक्रिया से बच्चे तेजी से कौशलों को सीखते हैं। वही 21वीं सदी के कौशल को स्पष्ट करते हुए कहा गया कि डिजिटल युग में सफल होने के लिए छात्रों के लिए 21वीं सदी के शिक्षा कौशल में निपुण होना आवश्यक है, इन कौशलों में सहयोग, संचार, समस्या समाधान, आलोचनात्मक सोच, रचनात्मक और प्रौद्योगिकी का कुशलता पूर्वक उपयोग करने की क्षमता निहित है, इसमें 6 c तकनीक का उपयोग समझाया गया। साथ ही बच्चों को भविष्य वेदी बनाने की सोच में कहा गया कि आज का विद्यार्थी कल का भविष्य है, बच्चों को स्वयं से सीखने या खुद करके देखने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही गई जिससे बच्चों के अंदर की प्रतिभा निखर कर सामने आती है तथा वह साहसी, खोजी, एवं वैज्ञानिक सोच वाला बनता है आगे कहा गया कि बच्चों को चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार करने पर उसका मस्तिष्क उद्धेलित होता है तथा उसमे सीखने की बेहतर संभावनाएं सामने आती है। साथ ही बच्चों को सीखने के अवसर प्रदान करने के नए-नए तरीके एवं वर्तमान शिक्षण में शिक्षक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण पर विस्तार से टूल्स के माध्यम से जानकारी दी गई ।इस अवसर पर आरंग समोदा ,मंदिर हसौद जोन के लगभग 900 शिक्षकों ने तकरीबन ढाई घंटे प्रशिक्षण प्राप्त किया एवं स्कूल में क्रियान्वयन करने की बात कही। जिसके अंतर्गत मास्टर ट्रेनर संकुल समन्वयक अमित अग्रवाल,गिरिजाशंकर अग्रवाल, सुमन चतुर्वेदी, विश्राम बंजारे,युवराम साहू, डोमनलाल डहरिया, विजय कुमार देवांग,लखमेंदर बौद्ध, होरीलाल पटेल, किशोरशर्मा, भागेश्वरि धर्मगुडी आदि की सहभागिता रही।