विश्व सिकलिन दिवस --- छत्तीसगढ़ के जाने पहचाने डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं डॉक्टर श्रीमती रजनीसाव लगभग तीन दशक से छत्तीसगढ़ में जन जागरूकता के साथ ईलाज के लिए भगीरथ प्रयास कर रहे
विश्व सिकलिन दिवस--- छत्तीसगढ़ के जाने पहचाने डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं डॉक्टर श्रीमती रजनीसाव लगभग तीन दशक से छत्तीसगढ़ में जन जागरूकता के साथ ईलाज के लिए भगीरथ प्रयास कर रहे
वर्ष 2006 में इंटरनेशनल सिकलिन निवारण सम्मेलन में तत्कालीन राज्यपाल रिटायर्ड जनरल के एम सेठ, विश्व प्रसिद्ध डॉक्टर सार्जेंट के साथ डॉक्टर साव दंपति एवं अन्यl
महेंन्द्र ठाकुर -नवापारा राजिम/ रायपुर......
मनुष्य के जीवन में तीन बड़ी प्राथमिक आवश्यकता रोटी- कपड़ा और मकान के साथ चौथी सबसे बड़ी आवश्यकता होती है स्वस्थ रहना, इस हेतु चिकित्सा विज्ञान में काफी प्रगति की है। लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी है जिसका संपूर्ण इलाज अभी तक संभव नहीं है केवल सावधानी परहेज और दवा के सेवन से इंसान लंबी जिंदगी जी सकता है इसमें एक बीमारी सिकलिन या सिकल सेल एनीमिया है दुर्भाग्य से छत्तीसगढ़ में इस बीमारी के मरीज बहुतायात से पाए जाते हैं यह अनुवांशिक और कुछ खास जाति में विशेष रूप से देखी गई है ,90 के दशक में जब इस बीमारी के बारे में छत्तीसगढ़ के प्रख्यात चिकित्सक दंपति डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रजनी साव ने लगातार गहन अध्ययन किया और जिसमें डॉ श्रीमती रजनी साव जो स्त्री रोग विशेषज्ञ है इन्होंने शोध किया तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थेl
जिसकी जितनी बड़ी आबादी उतने ही सिकलिन पेशेंट- शादी तय करते वक्त सिकलिंग जांच आवश्यक- यह कुंडली या 36 गुण मिलाने से भी ज्यादा जरूरी.......... विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से विश्व सिकलिन दिवस पर चर्चा करते हुए डॉक्टर साव दंपति ने बताया यह अनुवांशिक बीमारी है इसलिए आवश्यक है शादी से पहले लड़का और लड़की अपना सिकलिन टेस्ट कराए, ताकि आगे भविष्य की परेशानियों से बचा जा सके वही डॉक्टर रजनी साव ने बताया -जिसकी जितनी बड़ी आबादी उसने ही सिकलिन की संभावना ज्यादा इससे हेतु साव दंपति ने 1991 से जन जागरूकता और शिविर लगाना शुरू कर दिया था, जिसमें उनके साथ रायपुर के जाने-माने डॉक्टर कमलेश अग्रवाल ने भी सतत अपना सहयोग प्रदान किया।।।
डॉक्टरदंपति ने अभी तक 90 से ज्यादा सिकलिन निवारण केंद्र और हजारों मरीज का इलाज किया अपने आप में एक रिकॉर्ड.... छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र अपने लोगों से अगाध प्रेम करने वाले तत्कालीन मध्य प्रदेश वर्तमान छत्तीसगढ़ के राजनीति और समाज सेवा के पुरोधा स्वर्गीय जीवन लाल साव के सुपुत्र डॉक्टर धीरेंद्र साव और उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर श्रीमती रजनी साव ने अभी तक 90 विशाल सिकलिन निवारण शिविर का संचालन करते हुए 17890 से ज्यादा मरीजों को दवाई और बचाव के उपाय बताते हुए उन्हें नई जिंदगी प्रदान कीl
90 के दशक से लेकर अभी तक लगातार सिकलिन पीड़ित की सेवा के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिकलिन के विशेषज्ञ डॉक्टर- एक्सपर्ट के लगातार संपर्क में रहते हैं........ बेहद हंसमुख मिलनसार जन सेवा के लिए समर्पित डॉक्टर दंपति 90 के दशक से लेकर आज पर्यंत सिकलिन पीड़ित की सेवा के लिए समर्पित है जिसमें इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिकलिन विशेषज्ञ डॉक्टर सार्जेंट जो जमाईका के रहने वाले हैं वह विश्व स्तर के डॉक्टर रहे और वर्ष 2006 में डॉक्टर दंपति के बुलावे में रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिकलिन के बारे में सेमिनार हुआ उसमें शामिल हुए और सेमिनार की अध्यक्षता तत्कालीन राज्यपाल रिटायर्ड जनरल के एम सेठ ने किया था और डॉक्टर दंपति के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन को सिकलिन निवारण के लिए विशेष अभियान हेतु निर्देशित भी किया था शासकीय स्तर पर पहल तत्कालीन राज्यपाल सेठ के माध्यम से ही शुरू हुआ था इस दौर में डॉक्टर दंपति के प्रयास से 1995 में महासमुंद के तत्कालीन सांसद चंद्रशेखर साहू के सांसद निधि से सिकलिंग पीड़ित की सेवा के लिए विशेष एम्बुलेंस सीएमओ रायपुर कार्यालय को मिला थाl
इसके पश्चात छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्य भारत और उड़ीसा में उस समय इलाज के लिए प्रसिद्ध मेकाहारा अस्पताल रायपुर को तत्कालीन सांसद- वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम रमेश बैस के सांसद निधि से सिकलिन के इलाज हेतु इलेक्ट्रो फोरसिस मशीन विदेश से आयात करवा कर प्रसूति वार्ड को दिलवाया था इस मशीन की खास बात यह है- यह प्रसूता और बच्चे में सिकलिन के प्रभाव को तत्काल डायग्नोसिस करके डॉक्टर के ट्रीटमेंट के लिए एक वरदान के रूप में काम करती हैl
सिकलिन पीड़ित वर्ष 2018 से दिव्यांग के रूप में शासकीय तौर पर स्वीकृत लेकिन अभी और कुछ परेशानी..... डॉ धीरेंद्र साव ने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018 से सिकलिन पीड़ित को दिव्यांग माना गया है लेकिन परेशानी है इनका दिव्यांग सर्टिफिकेट नहीं बनता इसके लिए लगातार वह प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख रहे हैं और पीएमओ के लगातार संपर्क में हैं ,और इस हेतु वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भी पत्र लिखा है, डॉक्टर दंपति के योगदान को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन भी और उनके आला अधिकारी सिकलिन निवारण के लिए लगातार इनसे परामर्श और मार्गदर्शन लेते रहते हैं, वास्तव में इसको कहते हैं पीड़ित मानवता की सेवा जिसके लिए डॉक्टर साव दंपति जाने जाते हैंlll