गंगा दशहरा पर्व पर,क्या कहा पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
गंगा दशहरा पर्व पर क्या कहा पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री
नवापारा (राजिम)
गंगा दशहरा का पर्व हमें महानदी महतारी मां गंगा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का सुअवसर और सौभाग्य प्रदान करता है और उनकी त्रिवेणी संध्या आरती से इस भाव और विधान को पूर्णता प्राप्त होती है, नेहरू घाट पर गायत्री परिवार , पण्डित परिषद एवं नगर के श्रद्धालु लोगों के साथ गंगा आरती करते हुए त्रिवेणी संध्या आरती के रचनाकार एवम संयोजक पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने उक्त उदगार व्यक्त किए,
उन्होंने कहा कि रविवार को हस्त नक्षत्र के योग से इस पर्व की महिमा और भी बढ़ गई है, सूर्योदय के पूर्व स्नान, दान करने का गंगा दशहरा के दिन विशेष महत्व है, ऐसा करने से दस प्रकार के मन, वचन और कर्म से किए गए पापों का विमोचन होता है, उन्होंने कहा कि कितनी भी विपरित परिस्थिति क्यों न आ जाए,असफलताएं मिलें ,अपने प्रयास और पुरुषार्थ को नही छोड़ना चाहिए, अंशुमान और दिलीप की दो पीढ़ियों के असफल हो जाने पर भी तीसरी पीढ़ी भगीरथ ने प्रयास नहीं छोड़ा, और दृढ़ संकल्प से लगे रहे, हम भी जो संकल्प लें उसमे प्राणपण से लगें रहें गुरुदेव पण्डित श्री राम शर्मा आचार्य ने कहा ही है कि सतयुग आएगा, राम राज्य आएगा, हमें अपने गुरु के वचनों पर दृढ़ विश्वास रखना चाहिए, गायत्री परिवार के वरिष्ठ दंपत्ति डॉक्टर प्रकाश उमा गुप्ता ने गंगा पूजन का विधान किया, उन दोनों ने उपश्तित जन समुदाय को गंगा दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दी और फिर समवेत स्वरों में कहा कि महानदी की दुर्दशा देखकर हम सब द्रवित हैं हमारे नगर के सभी जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे सभी आगे आए और नदी के भीतर चैन माउंटेन चलवाकर गाद निकल वाकर हमारी महानदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाए, अभी बरसात आने वाली है, उससे पहले यह काम हो जाए तो यह नगर हित में एक पुनीत कार्य होगा, इस अवसर पर गायत्री परिवार के अंचल प्रमुख डॉक्टर सुदर्शन वर्मा ने 2025 में जनवरी माह में होने वाले 108 कुंडीय यज्ञ के विषय में जानकारी दी और लोगों को इस अनुष्ठान से जुड़ने तथा तन, मन, धन का सहयोग देने का आह्वान किया, आयोजन का संगीतमय संचालन शंकर सिन्हा जी ने किया कुमारी वेदिका, गरिमा साहू, मोना, खुशी की नृत्य नाटिका मानो तो मै गंगा मां हूं ने सभी का मन मोह लिया, इस अवसर पर कमल कस्तूरी साहू, साधना सौरज, अनुसूया साहू, अन्नपूर्णा देवांगन,अनीता खरे, किरण सोनी, शांति तारक, एस आर सोन, डी डी तारक, मानिकपन, , प्रेम साहू, हीराराम हिरवानी, बलराम यादव, विजय अग्रवाल आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे