*अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य पर "सकारात्मक कर्मों द्वारा युवाओं का सशक्तिकरण" विषय पर इंपैक्ट कार्यक्रम संपन्न*
*अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य पर "सकारात्मक कर्मों द्वारा युवाओं का सशक्तिकरण" विषय पर इंपैक्ट कार्यक्रम संपन्न*
*जो करना चाहिए वही करते हैं और जो नहीं करना चाहिए वह नहीं करते हैं यही सकारात्मकता है - राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी*
मंडला (म. प्र.)
- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मंडला के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य पर "सकारात्मक कर्मों द्वारा युवाओं का सशक्तिकरण" विषय पर "इंपैक्ट" कार्यक्रम किया गया। यह कार्यक्रम नाइस इंस्टीट्यूट में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मंडला क्षैत्रीय संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी, राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी, नाइस इंस्टीट्यूट के संचालक भ्राता अजय खोत, नाइस इंस्टीट्यूट के शिक्षक मलय दुबे, कटरा हॉस्पिटल के फ्लोर मैनेजर भ्राता गौरव यादव एवम् इंस्टीट्यूट के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ममता दीदी ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनायें दीं और सकारात्मक कर्मों द्वारा युवाओं का सशक्तिकरण" विषय के "इंपैक्ट"कार्यक्रम पर सभी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं के साथ देश जुड़ा है, जिस देश के युवा चरित्रवान होंगे, वह देश चरित्रवान होगा, देश युवाओं को बड़ी ऊंची नजर से देखताहै। पॉजिटिविटी होगी तो टेंशन क्रिएट नहीं होगा नेगेटिविटी हमारे जीवन में टेंशन लाती है। पॉजिटिव रहेंगे तो पॉजिटिविटी हमारे जीवन में रहेगी। सभी का जीवन सकारात्मक जीवन होना चाहिए, दैनिक दिनचर्या की शुरुआत सकारात्मक सोच से होनी चाहिए। किसी को भी नेगेटिव बातें पढ़ना और सुनना नहीं चाहिए। दीदी ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज में सभी सुबह-सुबह ईश्वरीय साहित्य का पठन करके राजयोग का अभ्यास करके दिन की शुरुआत करते हैं। हमारा व्यक्तित्व आदर्श व्यक्तित्व होना चाहिए। अपने व्यक्तित्व को ऊंचा बनाने के लिए सकारात्मक विचार होना अति आवश्यक है। जो करना चाहिए वही करते हैं और जो नहीं करना चाहिए वह नहीं करते हैं यही सकारात्मकता है।
सभी युवाओं को जीवन में रिलेक्स, रिचार्ज, रियल और रिसयुनेट के बारे में विशेष ध्यान दिलाया।
ब्रह्माकुमारी ओमलता दीदी ने अभी अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जो कार्य करना चाहिए वह अगर कर रहे हैं तो सकारात्मक है, जो कार्य हमें करना चाहिए वह अगर नहीं कर रहे हैं तो वह नकारात्मक है। हमें अपने जीवन में सदा सकारात्मक रहना चाहिए। सकारात्मक की शुरुआत सबसे पहले स्वयं से करनी है, किसी भी कार्य को करने से पहले उस कार्य का सकारात्मक परिणाम को सामने रखकर फिर उस कार्य को करना चाहिए।
भ्राता मलय दुबे ने सभी युवाओं को सकारात्मक जीवन जीने और अपने जीवन में मेडिटेशन को अपनाने के लिए कहा। अपना जीवन व्यर्थ बातों में समय खराब नही करना चाहिए। साथ ही इस कार्यक्रम को करने के लिए ब्रह्माकुमारी बहनों का धन्यवाद किया।
भ्राता गौरव यादव ने सभी युवाओं को कहा की आप सभी देश के सितारे हैं, आप सभी अपने जीवन में सकारात्मकता को अपनाते हुए लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
सभी इस कार्यक्रम से बहुत खुश हुए और सभी ने ऐसे मोटिवेशनल प्रोग्राम आगे भी करने के लिए कहा।