वनांचल इलाके का यह प्राथमिक शाला शिक्षा जहां से हर साल यहाँ के बच्चो का होता है नवोदय में चयन - fastnewsharpal.com
फास्ट न्यूज हर पल समाचार पत्र,

वनांचल इलाके का यह प्राथमिक शाला शिक्षा जहां से हर साल यहाँ के बच्चो का होता है नवोदय में चयन

 वनांचल इलाके का यह  प्राथमिक शाला शिक्षा जहां से हर साल यहाँ के बच्चो का होता है नवोदय में चयन  



जयलाल प्रजापति/नगरी

जज्बा अगर कुछ कर दिखाने में हो तो पूरी कायनात साथ देती है गुरु और शिष्य में गुरु के योगदान को शिष्य जीवन भर याद रखता है ऐसा ही एक पाठशाला है जहाँ गुरुजनों का मेहनत रंग ला रहा है और शिष्य अच्छे मार्ग और शिक्षा की ओर बढ़ रहे है कहने को तो ये सरकारी स्कूल है लेकिन यहाँ के बच्चे इस स्कूल का नाम रौशन कर रहे है जीहाँ वनांचल आदिवासी क्षेत्र का ऐसा शासकीय स्कूल जहाँ प्रतिवर्ष 8 से 10 बच्चों का नवोदय और एकलव्य विद्यालय में चयन होता है शिक्षकों की मेहनत और बच्चों का लगन को ही इसका कारण माना जा सकता है बताया यह भी जाता है कि इस स्कूल में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षक भी अपने खुद के बच्चो को भी इस पाठशाला में अध्ययन करवा रहे है वही जिला प्रशासन भी ग्रामीणों के विश्वास की तारीफ कर रहा है 




धमतरी जिले से महज 70 किलोमीटर दूर नगरी क्षेत्र में आने वाले बरबांधा गांव का शासकीय प्राथमिक शाला मिसाल पेश कर रहा है यहाँ पढने वाले बच्चे हर साल अच्छे नंबर से पास होकर जवाहर नवोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालय में अपना चयन करवाते है प्राथमिक शाला में सेवा दे रहे सहायक शिक्षक कृष्ण कुमार कोटेन्द्र ने बताया कि वे अक्सर अखबार में देखा करते थे कि बड़े बड़े स्कूलों में पढने वाले बच्चों का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालय में होता है क्यों न आदिवासी और गरीब बच्चों का भी इसी तरह नवोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालय में हो और अच्छी पढाई उन्हें मिल सके इसी उद्देश्य के साथ वे रोजाना बच्चों को एक्स्ट्रा क्लास लगाकर उन्हें तयारी करवाते है बताया गया कि प्राथमिक शाला में पठन-पाठन का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहती है संस्था में 4 टीचर है जो बच्चों को पढ़ाते है स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार 2015-16 में एकलव्य विद्यालय में 1 बच्चे का चयन हुआ था इसी तरह 2016-17 में 4 बच्चे, 2017-18 में नवोदय में 2 और एक्लव्य में 1 बच्चा, वर्ष 2018 -19 नवोदय में 2 एक्लव्य में 2 बच्चे, 2020 -21 नवोदय में 6 और एक्लव्य में 4 बच्चों का चयन हुआ है.यहाँ के शिक्षक और ग्रामीण भी काफी खुश है। 






वहीँ जिला प्रशासन भी इस उपलब्धि के बाद से पाठशाला में अपने बच्चों का अध्ययन करवा रहे ग्रामीणों के विश्वास की तारीफ कर रहा है वहीँ इससे अन्य स्कूलों को प्रेरणा लेने की बात कही जा रही है। 



Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads