भारतीय जीवन बीमा निगम -विश्व धरोहर पवित्र ग्रंथ भगवत गीता के सर्वश्रेष्ठ वाक्य -"योग क्षेमं वहाम्यहम्"- को आत्मसात करके संपूर्ण मानव जगत के कल्याण के मार्ग पर चलती है----- महेंद्र सिंह ठाकुर इंश्योरेंस प्रमोटर एवं मोटिवेशनल स्पीकर - fastnewsharpal.com
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भारतीय जीवन बीमा निगम -विश्व धरोहर पवित्र ग्रंथ भगवत गीता के सर्वश्रेष्ठ वाक्य -"योग क्षेमं वहाम्यहम्"- को आत्मसात करके संपूर्ण मानव जगत के कल्याण के मार्ग पर चलती है----- महेंद्र सिंह ठाकुर इंश्योरेंस प्रमोटर एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 भारतीय जीवन बीमा निगम -विश्व धरोहर पवित्र ग्रंथ भगवत गीता के सर्वश्रेष्ठ वाक्य -"योग क्षेमं वहाम्यहम्"- को आत्मसात करके संपूर्ण मानव जगत के कल्याण के मार्ग पर चलती है----- महेंद्र सिंह ठाकुर इंश्योरेंस प्रमोटर एवं मोटिवेशनल स्पीकर




नवापारा राजिम/ रायपुर....

 अंचल ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में भारतीय जीवन बीमा निगम के  जाने माने प्रमोटर एवं मोटिवेशनल स्पीकर- पत्रकारिता जगत के सशक्त स्तंभ तथा समाजसेवी कुछ दिनों पूर्व 20 मई से 24 मई तक अपने घनिष्ठ स्नेहिल सोनी परिवार -चंद्रिका सोनी- प्रदीप सोनी -अवधेश सोनी- गुंजन सोनी ग्राम खोंड विकासखंड बैकुंठपुर जिला कोरिया छत्तीसगढ़ जोकि मध्य प्रदेश -उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर स्थित है एवं बैकुंठपुर जिला कोरिया के शिक्षा क्षेत्र के स्तंभ और समाजसेवी राजेंद्र सिंह उर्फ दद्दा तथा भरतपुर सोनहत खोगा पानी छत्तीसगढ़ के रहने वाले- धर्म सद्कर्म के प्रतीक समाजसेवा के विराट स्वरूप मनोज चतुर्वेदी जोकि वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम राम के वन गमन पथ जो  उत्तर में स्थित कोरिया जिले से लेकर दक्षिण में बस्तर में स्थित दंड कारण्य के आंध्र प्रदेश के बॉर्डर तक सैकड़ो किलोमीटर की कठिन पद यात्रा अकेले तय करके राम के व्यक्तित्व  और राममय वातावरण बनाने के लिए गांव-गांव रुकते हुए एक महीने से ऊपर का सफर तय किया था उनके विशेष बुलावा और सोनी परिवार के यहां मांगलिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने गए थे वहीं से तहसील बैढ़न जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश मे स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम  की विशाल शाखा के सीनियर ब्रांच मैनेजर सतीश साहू जी जो पहले रायपुर डिवीजन में रहे और लंबे समय तक महेंद्र सिंह ठाकुर उनके जुझारू -कर्मठ- जिंदा दिल व्यक्तित्व के साथ भारतीय जीवन बीमा निगम मे सफलता के नए आयाम स्थापित किये, उनके बुलावे पर विक्रय वाहिनी को मोटिवेट करने वहां पहुंचे और अल्प समय में वहां उपस्थित विक्रय वाहिनी में नया जोश और उमंग भर दिया।

 योग  क्षेमं वहाम्यहम- बेहद पवित्र ग्रंथ गीता का श्लोक भारतीय जीवन बीमा निगम का आदर्श...... भारतीय जीवन बीमा निगम शाखा बैढ़न जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश मे  वरिष्ठ शाखा प्रबंधक सतीश साहू ,सहायक शाखा प्रबंधक संतोष शर्मा एवं विकास अधिकारी तथा विक्रय वाहिनी के अन्य  सदस्यों को संबोधित करते हुए महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा सबसे पहले हम बात करते हैं हमारी संस्था के मोनो का जो की पवित्र ग्रंथ भगवद् गीता के 9वेअध्याय  22 वे श्लोक से लिया गया है जिसमें योगेश्वर कृष्ण -अर्जुन को संबोधित करते हुए कहते हैं और इसका अर्थ है "मैं तुम्हारे  अप्राप्त को प्राप्त करने में सहायता और प्राप्त की रक्षा करने का वचन देता हूं तुम्हें कर्म करना होगा सामान्य भाषा में हम कह देते हैं- "मैं तुम्हारे सभी हितों की रक्षा करने का वचन देता हूं" ।अंग्रेजी में कहा गया है---"Your wellfare is our responsbillty" जिसमें   केवल मनुष्य ही नहीं सभी प्राणी जगत और ब्रह्मांड का कल्याण निहित है, हम अपनी संस्था की बात करते हैं तो अद्भुत -विश्व के अधिकांश देश की समस्त जनसंख्या से ऊपर लगभग 44 करोड़ पालिसी धारकों की सेवा हो रही है। इसके साथ यह केवल इंश्योरेंस कंपनी नहीं भारत की 140 करोड़ जनता के हित के लिए अरबो रुपए भारत सरकार को लाभांश के रूप में देती है यहां यह बताना जरूरी है 1 सितंबर  सन 1956 को भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना भारतीय संसद में पारित कानून के द्वारा हुआ था यह पूर्णतया सरकारी स्वामित्व की संस्था है जिसमें वित्तीय आपातकाल के समय भी भारत सरकार सभी क्लेम को अदा करने का प्रॉमिस करती है ,जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत सरकार के मुखिया होने के नाते 5 करोड़  की सहायता पूंजी दिए थे उसके एवज में भारत सरकार को अरबो खरबो रुपए लाभांश के रूप में एलआईसी दे चुकी है इसके साथ जन सेवा में बहुत बड़ी भागीदारी है। मैं यहां यह बता देना चाहूंगा भारतीय जीवन बीमा निगम की महानता कोरोना काल में जबरदस्त रूप में दिखा था- एलआईसी ने हजारों करोड रुपए डेथ क्लेम के रूप में पूरे भारत में बांटा था इसके अलावा मानवीय सहायता के रूप में हजारों करोड़ों रुपए अपनी ओर से दिए थे, और मरीजो की सेवा के लिए संसाधन भी उपलब्ध कराए थे ,जिसमें मैं अपना जिक्र करना चाहूंगा- इस महामारी में मेरे 90 क्लाइंट की डेथ हुई जो छत्तीसगढ़ के साथ पूरे इंडिया से संबंधित थे क्योंकि मेरा नेटवर्क ऑल इंडिया में है, और एलआईसी ने प्राथमिकता देते हुए लगभग ढाई करोड रुपए का क्लेम दिया था -है ना अद्भुत और यहां यह बता देना चाहूंगा भारत ही नहीं पूरे विश्व के इंश्योरेंस सेक्टर में यह नियम है युद्ध और महामारी में कानूनन क्लेम नहीं होता, लेकिन भारतीय जीवन बीमा निगम इसकी अपवाद रही??

अगर आपको सफल होना है तो भारत में प्रोफेशनल नहीं इमोशनल बनिये.... भारत में अगर आपको अपने काम में सफल होना है- चाहे वह इंश्योरेंस सेक्टर हो या कोई अन्य पब्लिक सेक्टर आपके यहां लोगों के बीच इमोशनल रिलेशन बनाने पड़ेंगे प्रोफेशनल फॉरेन का रिवाज है। महेंद्र सिंह ठाकुर ने आगे कहा- अगर आपके  हौसले टूटने लगे तो याद रखिएगा- सूरज की तरह रोशन होने के लिए अपने आप को मेहनत रूपी ताप में जलाना पड़ेगा- तभी आप लोगों के उजाला होंगे और नाम कमाएंगे, यह बिल्कुल सही है -"ढूंढ लेते हैं अंधेरे में मंजिल अपनी -क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते" ।।अपना कार्य शुरू करने से पहले याद रखें दिल में गुंजन होना चाहिए- "मंजिल कठिन है लेकिन हिम्मत नहीं हारूंगा -इतना तो खुद पर भरोसा है आगे चलकर जबरदस्त बाजी मारूंगा"।

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक सतीश साहू ने भी अपने संबोधन में उपस्थित विक्रय वाहिनी को संबोधित करते हुए कहा भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्य करना यह केवल जीविकोपार्जन नहीं- देश की उन्नति और मानव कल्याण का सशक्त साधन है, आप अपनी आय के साथ यश- कीर्ति और पुण्य सभी तरह का लाभ प्राप्त करते हैं जो किसी और प्रोफेशन में नहीं है।

महेंद्र सिंह ठाकुर का आत्मीय विदाई.... मोटिवेशनल स्पीच के पश्चात समस्त विक्रय वाहिनी एक नए जोश और में उमंग में आने के साथ महेंद्र सिंह ठाकुर को बेहद आत्मीयता सहित विदा करते हुए गुलदस्ता भेंट किया, और यह वादा लिया आप समय-समय पर यहां मार्गदर्शन हेतु आते रहेंगे जिसके लिए महेंद्र सिंह ठाकुर ने प्रसन्नतापूर्वक हां कहा ,उक्त कार्यक्रम में खासतौर पर आरिफ खान,  दुर्गादास वैश्य,सुश्री पूजा पटेल सभी युवा विकास अधिकारी, सीनियर मोस्ट मुख्य मुख्य जीवन बीमा सलाहकार भगवान दास सहवाल सहित समस्त स्टाफ का विशेष योगदान रहा, इसमें खास बात यह रही आरिफ खान और सुश्री पूजा पटेल जब सीनियर ब्रांच मैनेजर सतीश साहू महेंद्र सिंह ठाकुर को गंतव्य तक छोड़ने अपनी कार से गए तो दोनों जिज्ञासु कार के  12 किलोमीटर के सफर में लगातार महेंद्र सिंह ठाकुर को सुनते रहे और अपनी जिज्ञासा भी शांत करते रहे।।।

मोटिवेशनल स्पीकर महेंद्र सिंह ठाकुर का सम्मान करते वरिष्ठ शाखा प्रबंधक सतीश साहू ,सहायक शाखा प्रबंधक संतोष शर्मा एवं विकास अधिकारी गण।।

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